सेहत: हार्ट अटैक यहां पहले ज्यादातर 60 वर्ष के बाद होता था अब वहीं यह बीमारी टीनएजर्स में युवकों को जकड़ने लगी है। खराब डाइट, कम एक्सरसाइज, स्मोकिंग, ड्रग्स और ज्यादा स्ट्रेस जैसी दिक्कतें दिल को नुकसान पहुंचा सकती है इससे कम उम्र में भी दिल संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं।
एक्सपर्ट्स की मानें तो टीनएजर्स में हार्ट की बीमारियों का जोखिम काफी हद तक बढ़ा है जैसे कि इस उम्र में दिल संबंधी दिक्कतों की उम्मीद ही कम हो जाती है ऐसे में शुरुआती लक्षणों को अक्सर सभी नजरअंदाज कर देते हैं। इसको अनदेखा करना इलाज में देरी का कारण भी बन सकता है इससे शुरुआती में स्थिति गंभीर हो सकती है। इस जोखिम को कम करने के लिए जागरुकता और स्वस्थ आदतों को अपनाएं। टीनएजर्स अक्सर ऐसे लक्षण इग्नोर कर देते हैं जिससे बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए आपको बताते हैं कि टीनएजर्स में अटैक के लक्षण कौन से दिखते हैं।
आम लक्षण
. हार्ट अटैक के लक्षण एडल्ट्स में थोड़े अलग-अलग हो सकती हैं क्योंकि इन लक्षणों को पहचानना बहुत जरुरी है।
. बिना किसी वजह के यदि आप सांस फूल रही है या आपको लग रहा है कि सांस पूरी नहीं आ रही तो यह अचानक हो सकता है। यह दिक्कत समय के साथ-साथ और भी बिगड़ सकती है।
. बिना किसी वजह के बहुत ज्यादा थकान और कमजोरी भी आपके लिए दिक्कत खड़ी कर सकती है। यह लक्षण डेली एक्टिविटीज में भी बाधा डालेगा ऐसे में आपको इसको गंभीरता से लें।
.कुछ टीनजर्स को हार्ट अटैक के समय अचानक उल्टी या ठंडा पसीना आने लगता है इसको अक्सर सभी फ्लू समझ लेते हैं। ऐसे में टीनएजर्स को इन लक्षणों को पहचानना चाहिए।
. यदि आपको अचानक चक्कर आएं या बेहोशी जैसा महसूस हो या इसके साथ तेज या अनियमित दिल की धड़कन हो तो यह भी हार्ट अटैक का ही लक्षण हो सकता है।
. यह सबसे आम लक्षण है। सीने के बीच में प्रेशर, टाइट फीलिंग या भारीपन महसूस होना भी टीनएजर्स में हार्ट अटैक का कॉमन लक्षण है। यह कुछ मिनटों तक रहता है। ऐसे में इसको नजरअंदाज न करें भले ही यह हल्का या रुक-रुक कर आ रहा हो।
. चेस्ट पेन वैसे तो बाएं हाथ, पीठ, गर्दन और जबड़े तक फैलता है और लोग इसको मसल पेन या इनडाइजेशन समझ लेते हैं।
. कुछ टीनएजर्स को हार्ट अटैक के समय अचानक उल्टी या ठंडा पसीना भी आता है जिसको लोग अक्सर फ्लू मान लेते हैं।
ये बात भी समझें
टीनएजर्स और उनके पैरेंट्स अक्सर कुछ लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं। चिंता, मांसपेशियों में खिंचाव जैसी दिक्कतों को कम गंभीर लेते हैं। ऐसे शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज यदि आप करते हैं तो इलाज में देरी होगी और गंभीर हार्ट डैमेज या अचानक कार्डियक अरेस्ट का खतरा बढ़ जाएगा। यदि इनमें से कोई भी लक्षण दिखे खासतौर पर सीने में दर्द या सांस लेने में दिक्कत तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। सही समय पर इलाज मिलने से दिक्कत कम हो सकती है।