जालंधरः मशहूर ओ.टी.टी. कंपनी नैटफ्लिक्स की पेरशानियां भारत में बढ़ती नज़र आ रही हैं। भारत में बीजा नियमों के उल्लंघन और नस्लीय भेदभावों के आरोपों के बाद यह गृह मंत्रालय के राडार पर आ गई है। मिली जानकारी के मुताबिक गृह मंत्रालय के तहत आने वाले विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय ने कंपनी को नोटिस भेजकर आरोपों पर जवाब मांगा है। हालांकि कंपनी ने इन आरोपों से इंकार किया है और कहा कि वह नियमों के तहत ही भारत में अपना बिजनेस कर रही है। बहरहाल गृह मंत्रालय इन आरोपों की जांच में जुटा है।
आपको बता दें की नेटफ्लिक्स के पूर्व बिजनैस डायरेक्टर ने भी कपंन पर नस्लीय भेद के आरोप लगाए थे। वहीं कंपनी छोड़ चुकी बिजनैस डायरेक्टर नंदिनी मेहता ने इस जांच का स्वागत किया है। नंदिनी मेहता ने कहा कि यह नैटफ्लिक्स के खिलाफ गलत तरीके से सेवा समाप्ति और नस्लीय लैंगिक भेदभाव के लिए अमरीका में मुकद्दमा कर रही हैं। भारतीय जांच का स्वागत करते हुए मेहता ने कहा कि वे उम्मीद करती हैं कि अधिकारी अपने निष्कर्षों को सार्वजनिक करेंगे।
दूसरी ओर नैटफ्लिक्स कंपनी ने इन आरोपों से इंकार किया है। मिली जानकारी के अनुसार कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा कि उसे भारत सरकार की इस जांच के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने नंदिनी मेहता के मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि मेहता को निजी खचों के लिए अपने कॉर्पोरेट फ्रैडिट कार्ड का बार बार इस्तेमाल करने की वजह से नौकरी से निकाल दिया गया। उन्होंन अप्रैल 2018 से अप्रैल 2020 तक कंपनी के लॉस एंजल्स और मुंबई ऑफिस में काम किया था।
सुत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एफ. आर. आर. ओ. के अधिकारी दीपक यादव ने नैटफ्लिक्स कंपनी को 20 जुलाई को ईमेल भेजा था। इस ईमेल में उन्होंने नेटफ्लिक्स की वीजा और कर नियमों के उल्लंघन से उपजी चिंताओं के संबंध में लिखा था। अपने ईमेल एफ. आर. आर.ओ. के अधिकारी ने लिखा कि हमें भारत में कारोबार कर रही नैटफ्लिक्स कंपनी की ओर से वीजा नियमों के उल्लंघन, अवैध ढांचे, टैक्स चोरी, नस्लीय भेदभाव समेत कई क्षेत्रों में गड़बड़ी की जानकारी मिली है, लिहाजा कंपनी इन आरोपों पर अपना स्पष्टीकरण जारी करे।