Lifestyle: मानसून का मौसम आते ही हर गली-नुक्कड़ पर स्ट्रीट-फूड की दुकानों पर भीड़ बढ़ जाती है। ठंडी हवा, हल्की बूँदें और कुछ चटपटा खाने का मन – ये सब मिलकर लोगों को पकोड़े, चाट और गोलगप्पों की ओर खींचते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यही स्वादिष्ट दिखने वाले स्नैक्स मानसून में आपकी सेहत बिगाड़ सकते हैं?
सबसे पहले बात करते हैं गोलगप्पे या पानीपूरी की। बरसात में इस्तेमाल किया जाने वाला पानी साफ नहीं होता और स्टॉल्स पर साफ-सफाई का अभाव रहता है। इससे पेट की गंभीर समस्याएं जैसे डायरिया, फूड पॉइज़निंग और हैजा का खतरा होता है।
दूसरे नंबर पर है कटे हुए फल या चाट। खुले में रखे ये फलों के टुकड़े नमी और गंदगी की वजह से जल्दी खराब हो जाते हैं, जिससे उनमें बैक्टीरिया पनप सकते हैं। चाट भी खुले मसालों और दही के कारण इस मौसम में जल्दी खराब हो सकती है।
समोसे और पकोड़े भी अगर बार-बार तेल में तले गए हों, तो वो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। मानसून में नमी के कारण तेल में जल्दी गंध और हानिकारक तत्व बन जाते हैं।
दूध से बने आइटम जैसे स्ट्रीट पर मिलने वाली चाय, मलाईदार मिठाइयाँ या कस्टर्ड — ये भी नमी और गर्मी के कारण जल्दी खराब हो सकते हैं। इससे पेट की गड़बड़ी या उल्टी-दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
अंत में बात करें क्रीम वाले केक या पेस्ट्रीज़ की, तो मानसून के मौसम में फ्रेश दिखने वाली इन चीजों के खराब होने की संभावना ज़्यादा होती है, खासकर जब इन्हें खुले में बेचा जा रहा हो।
इसलिए मानसून में थोड़ा संयम बरतें। स्वाद की जगह सेहत को प्राथमिकता दें। घर का बना गरम खाना और साफ-सुथरी जगह से लिया गया भोजन ही इस मौसम में सबसे सुरक्षित विकल्प है।