- Advertisement -
HomeHimachalजल जनित रोगों से बचाव के लिए रखें व्यक्तिगत स्वच्छता का विशेष...

जल जनित रोगों से बचाव के लिए रखें व्यक्तिगत स्वच्छता का विशेष ध्यान: सीएमओ

ऊना/सुशील पंडित: बरसात के मौसम में कई प्रकार के जल जनित रोगों के फैलने की आशंका रहती है, इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को स्वच्छता के साथ-साथ अपने आसपास के वातावरण को भी स्वच्छ रखना चाहिए। इस संबंध मंे जानकारी देते हुए सीएमओ ऊना डाॅ मंजू बहल ने बताया कि स्क्रब टाईफस, डेंगू, मलेरिया व पीलिया जैसी बीमारियों से बचने के लिए एहतियात बरतना बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि मलेरिया मादा एनोफलिस मच्छर के काटने से होता है, जिससे मरीज को ठण्ड लगकर कंपकंपी द्वारा 103 डिग्री या इससे अधिक बुखार आता है। यह मच्छर खड़े पानी में प्रजनन करता है। मलेरिया से बचाव व इलाज दोनों सम्भव है, कोई भी बुखार मलेरिया हो सकता है अतः खून की जाँच करवाकर मलेरिया की सही पहचान होती है। सीएमओ ने बताया कि डेंगू एडीज मच्छर के काटने से होता है यह मच्छर दिन के समय काटता है तथा साफ पानी में पनपता है। डेंगू में तेज बुखार सिर दर्द, बदन दर्द तथा जोड़ों में दर्द व रक्तस्राव होता है। 

डाॅ मंजू बहल ने बताया कि बरसात के मौसम में आमतौर पर तेज बुखार से पीड़ित रोगियों की संख्या बढ़ जाती है यह बुखार स्क्रब टायफस हो सकता है। यह रोग खेतों, झाड़ियों व घास में रहने वाले चूहों पर पनपने वाले संक्रमित पिस्सुओं के काटने से फैलता है। इसमें तेज बुखार, जोड़ों में दर्द, शरीर में अकडन तथा कई बार गर्दन, बाजुओं के नीचे तथा कूल्हों के ऊपर गिल्टियाँ हो जाती हैं। 

बरसात के मौसम में पनपने वाली बीमारियों बारे जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मंजू बहल ने स्क्रब टाईफस, डेंगू व मलेरिया से बचाव के लिए कुछ एहतियात बरतने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि खड़े पानी की निकासी का होना अत्यंत जरूरी है। पशुओं द्वारा पानी पीने के लिए उपयोग किये जाने वाले बर्तनों को ढककर रखना जरूरी है। डेंगू से बचने के लिए सप्ताह में एक या दो बार कूलर तथा पानी की टंकी को जरूर साफ करें। टूटे बर्तन, पुराने टायर इत्यादि को घर में न रखें। इसके अलावा आसपास घास व खरपतवार उगने न दें। खेतों व झाड़ियों में काम करते समय पूरा शरीर (खासकर टाँगें, पाँव और वाजू) ढककर रखें। पीलिया, हेपेटाइटिस ए तथा ई दूषित पानी व दूषित खाने से होता है। यह लीवर से सम्बंधित बीमारी है। इसमें मरीज को हल्का बुखार, पेट दर्द, आँखों व त्वचा का रंग पीला होना, उल्टी व मितली का होना तथा थकावट महसूस होती है। इससे बचने के लिए हाथों को खाना बनाने से पहले, खाने से पहले तथा शौच जाने के बाद साबुन से अच्छी तरह धोएं, शौचालय का प्रयोग करें, आसपास सफाई रखें तथा पीने के लिए साफ व शुद्ध जल का प्रयोग करें। किसी भी प्रकार की झाड़ फूंक न करवाएं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मंजू बहल ने बताया कि जिला ऊना में मलेरिया, डेंगू, स्क्रब टाईफस व पीलिया इत्यादि के इलाज हेतु सभी दवाइयाँ अथवा सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में इसकी जांच उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि अगर किसी भी व्यक्ति को उपरोक्त लक्षण हों तो तुरंत नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य संस्थान में इलाज करवा सकते हैं।

Disclaimer

All news on Encounter India are computer generated and provided by third party sources, so read and verify carefully. Encounter India will not be responsible for any issues.

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest News

- Advertisement -
- Advertisement -

You cannot copy content of this page