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बेटे के जन्म दिन पर बददी के सुमित ने 64वीं बार दिया रक्त

मेरा रक्त देश मेें किसी के काम आ जाए यही मेरी साधना

रक्त का कोई विकल्प नहीं इसलिए मैने बनाया मिशन

बददी/ सचिन बैंसल: बददी में एक युवा ने रक्तदान को अपना जीवन बना लिया है। अपने बेटे के जन्म दिन पर सुमित शर्मा ने लगातार रक्तदान करके एक रिकार्ड कायम किया है। उन्होने कहा कि हमारा जीवन तभी सार्थक है जब यह दूसरों के काम आए। सुमित शर्मा ने कहा कि आज मेरे पुत्र समर्थ के जन्मदिन पर शिरडी में जीवन का 64वाँ रक्तदान करने का सूअवसर मिला, एवं साल में 4 बार रक्तदान करने का प्रण भी पूरा हुआ। रक्तदान करना हमेशा एक सुखद अनुभव देता है, एवं मन व चित प्रफुल्लित हो जाता है।।  रक्तदान जीवनदान है। हमारे द्वारा किया गया रक्तदान कई जिंदगियों को बचाता है। इस बात का अहसास हमें तब होता है जब हमारा कोई अपना खून के लिए जिंदगी और मौत के बीच जूझता है। उस वक्त हम नींद से जागते हैं और उसे बचाने के लिए खून के इंतजाम की जद्दोजहद करते हैं।   आज के इस वैश्विक महामारी में रक्त की ज़रूरत कही ना कही किसी ना किसी को पड़ती ही रह सकती है।।  अनायास दुर्घटना या बीमारी का शिकार हममें से कोई भी हो सकता है। आज हम सभी शिक्षत व सभ्य समाज के नागरिक है, जो केवल अपनी नहीं बल्कि दूसरों की भलाई के लिए भी सोचते हैं तो क्यों नहीं हम रक्तदान के पुनीत कार्य में अपना सहयोग प्रदान करें और लोगों को जीवनदान दें। आज कल आपका दिया एक यूनिट रक्त एक साथ कई लोगों को अलग अलग रूप में दिया जा सकता है। उन्होने लोगों से आहवान किया वो भी 18 से 60 आयु में साल बार रक्त देने में स्वेच्छा से आगे आएं।

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