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त्यौहार के दिन राजधानी से ही तीन बच्चों का अपहरण से दहशत में छात्र और अभिभावक

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प्रदेश की राजधानी के पॉश इलाके से तीन-तीन छात्रों का अपहरण पुलिसिंग और कानून व्यवस्था पर सवाल : जयराम ठाकुर 

बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम करें सरकार, अपराधियों पर लगाए लगाम

ऊना/शिमला/ सुशील पंडित: शिमला से जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था किस तरीके से खराब है आए दिन इसकी कोई ना कोई नजीर सामने आती है।  रक्षाबंधन के त्यौहार के दिन शहर के बीचो-बीच एक नामी स्कूल से तीन बच्चों का अपहरण हो जाता है और अपहरणकर्ता उन्हें शहर के हर प्रमुख चौराहे से होकर लगभग 50 किलोमीटर दूर तक ले जाने में कामयाब होता है। यह राजधानी की पुलिसिंग पर बहुत गंभीर सवाल है। प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बहुत खराब है और अराजक तत्व खुलेआम कर उठा रहे हैं। इसके पहले भी पिछले महीने ऊना में हुए जघन्य हत्याकांड में जिस तरीके से इंटरनेशनल माफियाओं की एंट्री और सोशल मीडिया पर खुलेआम धाम की का मामला सामने आया।  उस घटना ने प्रदेश की कानून व्यवस्था के जर्जर होने और माफियाओं के गैंग के सक्रिय होने की सारी कहानी कह दी। लेकिन प्रदेश की राजधानी में तीन बच्चों के एक साथ हुए अपहरण ने प्रदेश में लोगों की नींद हराम कर दी हैं।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भगवान का लाख-लाख शुक्र है कि सभी अपहृत छात्र सकुशल बरामद हो गए। उनकी खोजबीन में जुटे पुलिस कर्मियों की मेहनत और आम लोगों का सहयोग रंग लाया। फिर भी सवाल वहीं है कि त्यौहार के दिन-दिन दहाड़े तीन- तीन छात्रों का अपहरण कैसे हुआ? पुलिस कहां थी? त्योहारों की वजह से प्रदेश की पुलिस को और भी चौकसी बरतनी चाहिए थी? एक व्यक्ति शहर में हथियार लेकर घूम रहा था। आगे जाकर वही व्यक्ति तीन-तीन छात्रों को किडनैप करता है और शहर के सभी प्रमुख पुलिस चेक पोस्ट से होकर गुजरता है। लेकिन सभी जगह बिना किसी रूकावट के आगे बढ़ जाता है। इस दौरान वह कम से कम 10 पुलिस चेक पोस्ट से गुजर कर अपने मकसद में कामयाब होता है। इस तरीके की घटना शहर की पुलिसिंग पर बहुत गंभीर सवाल खड़े करती है। लोग डरे हैं। अपने बच्चों को स्कूल छोड़ते वक्त उनके मन में सैकड़ों सवाल उठ रहे हैं। स्कूल जा रहे अभिभावकों की विश्वास बहाली और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार और पुलिस की प्राथमिकता होनी चाहिए।

जयराम ठाकुर ने कहा कि एक साथ दिनदहाड़े शिमला जैसी जगह से  तीन-तीन बच्चों का अपहरण हो जाना हिमाचल प्रदेश के लिए कोई आम घटना नहीं है। प्रदेश में कई नामी स्कूल हैं और वहां सिर्फ प्रदेश के ही नहीं वरन देश भर के प्रतिष्ठित परिवारों के बच्चे पढ़ते हैं। ऐसे में इस तरीके की घटना से पूरे प्रदेश के लोग दहशत में है। कल मीडिया के माध्यम से जब लोगों को तीन बच्चों के लापता या अपहृत होने की सूचना मिली तो पूरा प्रदेश हिल सा गया। किसी ने इस तरीके के घटना की कल्पना भी नहीं की थी। तीनों छात्रों के सकुशल बरामद होने की प्रार्थनाएं की। लोग अपने बच्चों को स्कूल छोड़कर आते हैं लेकिन इस घटना के बाद उनके ऊपर क्या प्रभाव पड़ेगा इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। इस तरीके के हालात प्रदेश के लिए ठीक नहीं है। जिन परिवारों के बच्चे स्कूल जाते हैं उन परिवारों के लोग अपने बच्चों को स्कूल छोड़ते समय सुरक्षित महसूस करें यह सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है। वाहनों का सघन तलाशी अभियान सिर्फ कागज़ी कार्रवाई न होकर अपराधिक प्रवेश के लोगों की धर पकड़ और उन्हें काबू करने का अभियान होना चाहिए। साथ ही स्कूली बच्चों  को स्कूल प्रशासन और प्रदेश सरकार की तरफ से विशेष अभियान चला कर छात्रों को जागरूक करना चाहिए। जिससे इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति कभी ना हो।

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