हिमाचली प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में मुख्यमंत्री से की मुलाकात, सीधी दिल्ली सेवा बहाल करने की मांग
ऊना/सुशील पंडित: दिल्ली-बागा (कंधर) सीधी बस सेवा को चंडीगढ़ तक सीमित किए जाने के निर्णय के खिलाफ हिमाचलवासियों में गहरा रोष व्याप्त है। इस जनहित से जुड़े मुद्दे को लेकर अखिल भारतीय हिमाचल सामाजिक संस्था संघ के राष्ट्रीय प्रधान एवं हिमाचल कल्याण सभा दिल्ली के वरिष्ठ उप प्रधान कृष्ण मुरारी लाल के नेतृत्व में एक हिमाचली प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को दिल्ली स्थित हिमाचल सदन/हिमाचल निकेतन में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से भेंट की।
इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह का पारंपरिक हिमाचली टोपी एवं शाल भेंट कर स्वागत किया। प्रतिनिधिमंडल में हिमाचल कल्याण सभा (पंजी.) दिल्ली के प्रधान राकेश शर्मा, संस्कृति सचिव राजिंदर ठाकुर, कैशियर शीशराम पाल तथा प्रेस सचिव प्रेम चंद चौहान विशेष रूप से उपस्थित रहे। सभा के प्रधान राकेश शर्मा ने मुख्यमंत्री को सभा के वार्षिक उत्सव के अवसर पर प्रकाशित स्मारिका की एक प्रति भी भेंट स्वरूप प्रदान की।
प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि आर्थिक कारणों का हवाला देते हुए सरकार द्वारा दिल्ली तक चल रही सीधी बस सेवा को चंडीगढ़ तक सीमित करने का निर्णय लिया गया है, जो कि जनहित के विरुद्ध है। इस विषय को अर्की विधानसभा क्षेत्र के विधायक संजय अवस्थी द्वारा भी उठाया जा चुका है। प्रतिनिधियों ने कहा कि यह बस सेवा वर्षों से क्षेत्र के हजारों यात्रियों के लिए दिल्ली आने-जाने का एकमात्र सीधा, सुरक्षित एवं भरोसेमंद साधन रही है।
उन्होंने बताया कि रात्रि समय चंडीगढ़ में बस बदलने की बाध्यता विशेष रूप से बुजुर्गों, महिलाओं, छोटे बच्चों के साथ यात्रा करने वालों तथा भारी सामान लेकर सफर करने वाले यात्रियों के लिए अत्यंत कष्टप्रद और असुविधाजनक सिद्ध हो रही है। सुरक्षा एवं सुविधा की दृष्टि से यह निर्णय यात्रियों के हित में नहीं है।
प्रतिनिधिमंडल ने यह भी बताया कि कुनिहार, मामलीटा, सायरी सहित आसपास के क्षेत्रों के सैकड़ों किसान, बागवान तथा विशेष रूप से पॉलीहाउस संचालक इस निर्णय से सीधे प्रभावित हुए हैं। उनकी हाईब्रिड सब्जियों एवं उन्नत फसलों की प्रमुख विपणन मंडी दिल्ली है। सीधी परिवहन सुविधा समाप्त होने से उनकी कृषि एवं व्यापारिक गतिविधियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, जिससे आर्थिक नुकसान की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
इसके अतिरिक्त दिल्ली एवं आसपास के क्षेत्रों में रह रहे हजारों प्रवासी हिमाचली, जो इसी बस सेवा के माध्यम से अपने विधानसभा एवं लोकसभा क्षेत्रों में मतदान करने के लिए आते-जाते रहे हैं, इस निर्णय से असंतुष्ट हैं। प्रतिनिधिमंडल ने जनहित को ध्यान में रखते हुए मांग की कि दिल्ली–बागा (कंधर) बस सेवा को पुनः सीधे दिल्ली तक अथवा किसी वैकल्पिक मार्ग से शीघ्र बहाल किया जाए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री से शिमला–दिल्ली एचआरटीसी का एक रूट वाया अर्की–कुनिहार करने की मांग भी की, जिससे क्षेत्रवासियों को बड़ी राहत मिल सके। इस पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि इस विषय पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।
बैठक के दौरान संघ के पदाधिकारियों को मुख्यमंत्री द्वारा गठित विभिन्न समितियों में नामित किए जाने का अनुरोध भी किया। प्रतिनिधिमंडल ने उम्मीद जताई कि सरकार जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए शीघ्र सकारात्मक निर्णय लेगी और प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को राहत प्रदान करेगी।