मथुराः वृंदावन के प्रख्यात प्रियाकांत जू मंदिर के संस्थापक और प्रसिद्ध भागवत कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर को एक बार फिर जान से मारने की धमकी मिली है। इस बार धमकी प्रियाकांत जू मंदिर कार्यालय के फोन पर एक ऑडियो मैसेज के जरिए दी गई। धमकी देने वाले ने चेतावनी देते हुए एक महीने के भीतर “उड़ाने” की बात कही है। इस घटना ने उनके अनुयायियों और समर्थकों में दहशत पैदा कर दी है, जो उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
मथुरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) श्लोक कुमार ने बताया कि पुलिस को एक तहरीर प्राप्त हुई है, जिसमें धमकी भरे वॉइस मैसेज का जिक्र है। आरोपी ने WhatsApp पर ऑडियो भेजकर 1 महीने में उड़ा देने की धमकी दी है। पुलिस ने बताया कि आरोपी ने मोबाइल नंबर: 9892941029 से धमकी दी है। पुलिस ने थाना जैंत में BNS 351(4) के तहत FIR दर्ज कर ली है। उन्होंने कहा, “हम इस मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं। दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। पुलिस ने इस धमकी की जांच शुरू कर दी है और संदिग्धों की तलाश में तकनीकी संसाधनों का उपयोग कर रही है। ”
देवकीनंदन महाराज को इससे पहले भी कई बार जान से मारने की धमकियां मिल चुकी हैं। कुछ समय पहले पाकिस्तान से एक धमकी भरा फोन कॉल आया था, जिसमें मंदिर पर सामूहिक नरसंहार की धमकी दी गई थी। इसके अलावा एक पत्र के माध्यम से भी मंदिर को निशाना बनाने की धमकी दी गई थी। इतना ही नहीं, अतीत में उनकी कार पर हमला भी हो चुका है, जिसमें उनके ड्राइवर की सूझबूझ के कारण उनकी जान बच गई थी। इन घटनाओं ने उनके अनुयायियों में असुरक्षा की भावना को और गहरा किया है।वर्तमान में देवकीनंदन ठाकुर वृंदावन के मांट क्षेत्र में वंशीवट पर भागवत कथा का आयोजन कर रहे हैं। उनकी कथाएं देश-विदेश में लाखों भक्तों को आकर्षित करती हैं और उनके प्रवचनों का व्यापक प्रभाव है।
उनकी लोकप्रियता और सामाजिक-धार्मिक गतिविधियों के कारण वह अक्सर विवादों के केंद्र में भी रहे हैं। इस ताजा धमकी के बाद उनके समर्थकों ने पुलिस और प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। अनुयायियों का कहना है कि देवकीनंदन महाराज न केवल एक धार्मिक गुरु हैं, बल्कि सामाजिक जागरूकता और सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन की जिम्मेदारी है। पुलिस ने भक्तों को आश्वासन दिया है कि मामले की गहन जांच की जा रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। साथ ही मंदिर और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के निर्देश दिए गए हैं।