शिमलाः हिमाचल प्रदेश में 80 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चले तूफान से भारी नुकसान होने की घटनाएं सामने आई है। दरअसल, देर रात चली आंधी से कई घरों की छत्ते उड़ गई, वहीं कई जगह पेड़ जड़ से उखड़ गए। तेज तूफान से आधे हिमाचल में ब्लैक आउट हो गया है। शिमला शहर सहित कांगड़ा, बड़सर, सुजानपुर, ऊना और चंबा के सैकड़ों गांव व घर बीती रात से सुबह 10 बजे तक अंधेरे में डूबे रहे। कई ग्रामीण इलाकों में दोपहर 12 बजे भी बिजली बहाल नहीं हो पाई।
शिमला के ठियोग, मंडी के सराज, आनी, कांगड़ा, सिरमौर, सोलन में कई घरों की छत उड़ गई। प्रदेश में जगह जगह तूफान के बाद पेड़ जड़ से ही उखड़ गए। इससे कई सड़कें भी यातायात के लिए बंद हो गई। प्रदेश में तूफान से काफी नुकसान हुआ है। मैदानी इलाकों में गेहूं फसल भी तबाह हुई है। शिमला, कुल्लू, चंबा जिला में सेब की फसल को भी क्षति पहुंची है। इन जिलों में सेब के पौधे जड़ से ही उखड़ गए। कांगड़ा में कई जगह शादी के लिए लगाए गए टेंट भी उड़ गए। इससे रात एक बजे तक लोगों में भय का माहौल रहा। मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में वेस्टर्न डिस्टरबेंस अगले 4 दिन तक एक्टिव रहेगा। खासकर अगले कल और परसों प्रदेश में भारी बारिश के साथ-साथ तूफान का ऑरेंज अलर्ट दिया गया है।
18 और 19 अप्रैल को चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, शिमला और लाहौल स्पीति जिला में कुछेक स्थानों पर भारी बारिश व ओलावृष्टि हो सकती है। इन जिलों में 40 से 50 किलोमीटर की रफ्तार से तूफान चलने की भी चेतावनी दी गई है। अन्य सभी जिलों में यलो अलर्ट की चेतावनी दी गई है। ओलावृष्टि और तूफान से सेब बागवानों सहित आम, प्लम, खुमानी, आड़ू, फूलगोभी, मटर और गेहूं की फसल को नुकसान हो सकता है। इस दौरान अधिकतम तापमान में 5 से 7 डिग्री सेल्सियस की कमी आएगी। 21 अप्रैल से तापमान में बढ़ौतरी शुरू होगी।