शिमलाः हिमाचल प्रदेश में बारिश का दाैर लगातार जारी है। इससे जगह-जगह भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं। राज्य में मंगलवार सुबह 10:00 बजे तक तीन नेशनल हाईवे सहित 435 सड़कें बाधित रहीं। 534 बिजली ट्रांसफार्मर व 197 जल आपूर्ति योजनाएं भी प्रभावित हैं। सबसे ज्यादा 262 सड़कें व 201 बिजली ट्रांसफार्मर मंडी जिले में ठप हैं। मंडी के दवाड़ा फ्लाईओवर के पास एनएच-21 पर पहाड़ी से बड़ी-बड़ी चट्टानें आ गई है। इससे सैकड़ों वाहन कई घंटों से फंसे हैं और एनएच बहाली का इंतजार कर रहे हैं। वहीं नित्थर-लुहरी सड़क पर खेगसू में पहाड़ी से चलती गाड़ी पर चट्टानें गिर गईं। हादसे में गाड़ी में सवार दो लोग घायल हुए हैं।
हादसा सोमवार देर रात का बताया जा रहा है। इससे नित्थर-लुहरी सड़क मार्ग करीब 12 घंटे तक बंद रहा। सड़क मंगलवार सुबह करीब 10 बजे बहाल हुई। हादसे में गाड़ी में सवार राकेश पुत्र रमेश गांव कुटवा व विक्रम पुत्र विषम दास गांव दुराह घायल हैं। जानकारी के मुताबिक (एचपी 95A-5777) नंबर का यह पिकअप जीप नित्थर क्षेत्र की ओर जा रही थी। जीप में सवार दोनों युवक क्षेत्र के स्थानीय पशुपालकों से दूध एकत्र करने के लिए निकले थे। राज्य सरकार की मिल्कफैड योजना के तहत इन दुर्गम क्षेत्रों से नियमित रूप से दूध खरीदा जाता है और इसी काम के लिए ये युवक रात को ही रवाना हुए थे।
जैसे ही जीप कानी नाला के समीप पहुंची, ऊपर से अचानक भारी पत्थर गिर पड़े। इन पत्थरों की चपेट में आकर जीप बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और दोनों सवारों को चोटें आईं। हादसे की सूचना तुरंत वहां से गुजर रहे अन्य वाहन चालकों ने पुलिस को दी। सूचना मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घायलों को रैस्क्यू किया और तुरंत रामपुर के खनेरी अस्पताल पहुंचाया। घायल व्यक्तियों की पहचान जीप चालक विक्रांत निवासी दुराहा गांव, नित्थर और राजेश कुमार निवासी कुटवा गांव, आनी के रूप में हुई है।
अस्पताल प्रशासन के मुताबिक दोनों की हालत अब स्थिर है और वे खतरे से बाहर हैं। शिमला शहर में भी जगह-जगह पेड़ गिरने की सूचना है। प्रदेश में इस मानसून सीजन में 20 जून से 21 जुलाई तक 132 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। 223 लोग घायल हुए हैं। 34 लोग अभी भी लापता हैं। इस दाैरान 58 लोगों की सड़क हादसों में माैत हुई है। बादल फटने, भूस्खलन, बाढ़ से अब तक 1438 कच्चे-पक्के घरों, दुकानों को क्षति हुई है। 1005 गोशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। 1305 पालतु पशुओं की माैत हुई है। नुकसान का कुल आंकड़ा 1,24,690.22 लाख रुपये पहुंच गया है।