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HomeHimachal‘ग्रीनिंग ऑफ एमएसएमईज़’ प्रोजेक्ट के तहत स्टेकहोल्डर कंसल्टेशन कार्यशाला आयोजित

‘ग्रीनिंग ऑफ एमएसएमईज़’ प्रोजेक्ट के तहत स्टेकहोल्डर कंसल्टेशन कार्यशाला आयोजित

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औद्योगिक क्षेत्रों के उद्योग प्रतिनिधियों एवं उद्यमियों ने लिया भाग*

ऊना/सुशील पंडित: पर्यावरण संरक्षण और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को टिकाऊ और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से सक्षम बनाने के उद्देश्य से ‘ग्रीनिंग ऑफ एमएसएमईज़’ परियोजना के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण स्टेकहोल्डर कंसल्टेशन कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का आयोजन फ्रॉस्ट एंड सुलिवन तथा टिंज कंसल्टेंसी द्वारा संयुक्त रूप से किया गया जिसमें ऊना औद्योगिक क्षेत्रों के अनेक उद्योग प्रतिनिधियों एवं उद्यमियों ने भाग लिया। इस दौरान ग्रीनिंग, संसाधन दक्षता, ऊर्जा संरक्षण, अपशिष्ट प्रबंधन तथा हरित वित्तपोषण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई।

इस मौके पर उद्योग विभाग ऊना के महाप्रबंधक रचित शर्मा ने जानकारी दी कि ‘ग्रीनिंग ऑफ एमएसएमईज़’ परियोजना, भारत सरकार के “रेसिंग एंड एक्सीलरेटिंग एमएसएमई परफॉरमेंस” कार्यक्रम के तहत चलाई जा रही है, जिसे विश्व बैंक का सहयोग प्राप्त है। इस योजना का उद्देश्य एमएसएमई इकाइयों को तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान कर उन्हें प्रतिस्पर्धी और पर्यावरण-अनुकूल बनाना है। परियोजना के प्रमुख घटकों में ग्रीनिंग ऑफ एमएसएमईज़, डिजिटल टूल्स, तकनीकी उन्नयन, बाजार तक पहुंच, कौशल विकास और वित्तीय सहयोग शामिल हैं। योजना के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश में लगभग 1900 एमएसएमई इकाइयों को पर्यावरणीय दृष्टिकोण से उन्नत किया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक इकाई में “रिसोर्स एफिशिएंट क्लीनर प्रोडक्शन स्टडी” कर यह आकलन किया जाएगा कि कम संसाधनों में अधिक उत्पादन कैसे हो सकता है और ऊर्जा, जल व अपशिष्ट का दक्ष प्रबंधन कैसे किया जा सकता है।

कार्यशाला में विशेषज्ञों ने ऊर्जा खपत की समीक्षा, दक्षता में सुधार, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का समावेश, जल संरक्षण एवं पुनर्चक्रण, अपशिष्ट प्रबंधन, पुनः उपयोग और रिसाइकलिंग जैसे विषयों पर विस्तृत जानकारी दी। साथ ही प्रतिभागियों को ईएसजी, नेट ज़ीरो, डीकार्बोनाइजेशन और सर्कुलर इकोनॉमी जैसे समसामयिक विषयों पर भी प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

रचित शर्मा ने कहा कि ‘ग्रीनिंग ऑफ एमएसएमईज़’ केवल एक तकनीकी बदलाव नहीं, बल्कि औद्योगिक क्षेत्र में सोच और दृष्टिकोण में परिवर्तन की दिशा में एक सार्थक पहल है। इससे एमएसएमई इकाइयां अधिक लागत प्रभावी, प्रतिस्पर्धी एवं आत्मनिर्भर बनेंगी, साथ ही पर्यावरण को भी महत्वपूर्ण लाभ मिलेगा। इस अवसर पर इंडस्ट्रियल एसोसिएशन टाहलीवाल के अध्यक्ष राकेश कौशल तथा इंडस्ट्रियल एसोसिएशन मैहतपुर के अध्यक्ष सी.एस. कपूर भी उपस्थित रहे।

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