ऊना/ सुशील पंडित : अटल बिहारी बाजपेई राजकीय महाविद्यालय बंगाणा में राजनिति विज्ञान विभाग द्वारा समसामयिकी विषय पर आधारित एक दिवसीय स्पेशल लेक्चर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता राजनीति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर सिकंदर नेगी ने की। विशेष लेक्चर का विषय रूस- यूक्रेन युद्ध का अंतरराष्ट्रीय राजनीति एव आर्थिक पहलू पर प्रभाव और आगे की राह।
स्पेशल लैक्चर के मुख्य वक्ता राजनीति विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सिकंदर नेगी ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच टकराव चरम पर है। पूरी दुनिया की निगाहें इस संकट पर टिकी हुई हैं। हथियार, प्रशिक्षण एवं सैनिक के रूप में यूक्रेन को नाटो से मिलने वाले सहयोग को रूस अपने लिए खतरा मानता है। रूस और यूक्रेन सोवियत संघ का हिस्सा थे। मौजूदा टकराव 2013 में उभरा था, जब यूक्रेन में रूस समर्थक राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच ने यूरोपीय यूनियन से चल रही अहम राजनीतिक एवं कारोबारी डील रोक दी थी।
भारत ने रूस यूक्रेन के इस युद्ध में मध्यस्ता बनाए रखा है। हाल के दिनों में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अमेरिका द्वारा उठाए गए आर्थिक पाबंदी के जवाब में उहोने कहा कि यूरोप को दिए जाने वाले गैस आपूर्ति का भुगतान डॉलर से नहीं बल्कि रूबल से होगा। उसके लिए उन्हें रशिया के सेंट्रल बैंक से बैंक में अकाउंट खुलवाना होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यूरोप के पास वर्तमान में कुछ समय के लिए गैस है और आने वाले दिनों में रशिया पर पूरी निर्भर होना पड़ेगा। अगर इस युद्ध की स्थिति में रशिया गैस की आपूर्ति रोकता है तो यूरोप में हाहाकार मच जाएगा और इन देशों में आर्थिक संकट आयेगी। इसके जबाव में अमेरिका का क्या स्टेप होगा यह देखना काफी रोचक होगा।भारत का मानना है कि इसका समाधान मध्य मार्ग से हो सकता है।इस अवसर पर राजनीति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर सिकंदर नेगी, विशाल सोनी, नेम सिंह, कामना,सबीता,इंदूबाला और पलक ,अन्य गणमान्य अतिथि मौजूद थे।