धर्म: वैज्ञानिक ही नहीं धार्मिक दृष्टि से भी चंद्रग्रहण बेहद जरुरी माना जाता है। इसका असर व्यक्ति के जीवन पर भी होता है। ऐसे में ग्रहण के दौरान कुछ काम करना वर्जित माना जाता है। चंद्रग्रहण का सूतक काल दोपहर 12:57 से शुरु हो चुका है।
साल का दूसरा चंद्रग्रहण की शुरुआत 7 सितंबर 09:58 पर शुरु होगा और इसका समापन 8 सितंबर को देर रात 01:26 मिनट पर होगा। यह एक पूर्ण चंद्रग्रहण है ऐसे में इसका असर भारत पर भी होगा। चंद्रग्रहण के 9 घंटे पहले ही सूतक काल शुरु हो चुका है जो कि अब ग्रहण के बाद ही खत्म होगा।
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सूतक काल में न करें ये काम
. चंद्रग्रहण के दौरान पूजा-पाठ करना या फिर देवी-देवताओं की मूर्तियों को हाथ नहीं लगाना चाहिए। इस अवधि में खाना खाने या फिर सोने से भी बचना चाहिए क्योंकि इससे जीवन में नेगेटिविटी बढ़ सकती है।
. इसके अलावा चंद्रग्रहण के दौरान कहीं बाहर भी न जाएं खासतौर पर किसी सूनसान या नकरात्मक जगह पर जाने से बचें। इस दौरान तुल
तुलसी के पत्ते करें इस्तेमाल
ग्रहण के नकरात्मक प्रभाव से बचने के लिए खाने और बाकी पवित्र चीजों में तुलसी के पत्ते डालकर रखें। चंद्रग्रहण के नियमों को सबसे ज्यादा ध्यान प्रेग्नेंट महिलाओं को रखना चाहिए। चंद्र ग्रहण कभी भी नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए और न ही इस दौरान कोई नुकीली चीज का इस्तेमाल न करें।
प्रेग्नेंट महिलाएं रखें खास ध्यान
बता दें कि यह विशेष ग्रहण पितृपक्ष में लग रहा है और इस ग्रहण काल में पितृक्रम मान्य है और इसके जाप का फल भी एक लाख गुना ज्यादा मिलता है। ज्योतिष के अनुसार, ग्रहण के स्पर्श, मध्य और मोक्ष काल में स्नान करने के साथ साधना और दान करें। सूतक काल में खाना वर्जित है और इस दौरान प्रेग्नेंट महिलाओं को बाहर नहीं निकलना चाहिए और न ही सोना चाहिए।