काठमांडूः नेपाल में विरोध प्रदर्शन की आड़ में फैली हिंसा, तोड़फोड़ और आगजनी रोकने के लिए सेना सड़कों पर उतर गई है। प्रदर्शनों पर राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध के आदेश के साथ कर्फ्यू लगा दिया है। इस बीच, आंदोलनकारी अंतरिम सरकार बनाने की तैयारियों में जुट गए हैं। वहीं इस हिसंक में अमृतसर से निकला 92 यात्रियों का जत्था नेपाल में हालात बिगड़ने के कारण वहां सीमा पर फंसा हुआ है। दरअसल, कर्फ्यू, आगजनी और प्रदर्शन की घटनाओं के बीच जत्था रात के समय नेपाल के बॉर्डर तक पहुंचा है। आज कोशिश होगी कि ये जत्था बॉर्डर क्रॉस कर सुरक्षित भारत आ जाए। मिली जानकारी के अनुसार ये जत्था 3 सितंबर को अमृतसर से रवाना हुआ था और 5 सितंबर को बॉर्डर पार कर जनकपुर धाम पहुंचा। वहां से 6 सितंबर को काठमांडू और उसके बाद पोखरा गया। श्रद्धालुओं का कार्यक्रम सामान्य रूप से चल रहा था, लेकिन 8 सितंबर से नेपाल में हालात अचानक खराब होने शुरू हो गए। इसके बाद जत्था लगातार सुरक्षित वापसी का रास्ता तलाशता रहा है।
नेपाल में बिगड़े हालात को देखते हुए जत्थे ने अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रात के समय सफर करने का निर्णय लिया। रिंकू बटवाल ने वीडियो शेयर कर बताया कि 9 सितंबर वे सभी पोखरा में थे। सड़कों पर तनाव और कर्फ्यू का माहौल था। बाइक पर युवा प्रदर्शन करते हुए दिखे। होटल के चारों तरफ आग लगी बिल्डिंगों से धुआं उठता दिख रहा था। प्रशासन की तरफ से इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया। जिसके बाद वे 9-10 सितंबर की रात को नेपाल बॉर्डर की तरफ निकले। रातभर के सफर के बाद जत्था 10 सितंबर को नेपाल-भारत सीमा पर स्थित भैरहवा (भैरवा) बॉर्डर तक पहुंच गया। यहां फिलहाल यात्रियों को रोका गया है और सुरक्षा एजेंसियां स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। बताया जा रहा है कि आज जत्था भारत में प्रवेश की कोशिश करेगा और उम्मीद है कि उन्हें अनुमति मिल जाएगी।
इस बीच, काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह ने जेन-जी और नेपाली नागरिकों से शांति की अपील करते हुए धैर्य बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि देश इस समय अभूतपूर्व परिस्थिति से गुजर रहा है। शाह ने कहा कि अब देश में अंतरिम सरकार बनने जा रही है, जो नए चुनाव कराएगी और जनता से नया जनादेश लेगी।बालेंद्र शाह ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, ‘प्रिय जेन-जी और सभी नेपालियों से मेरा अनुरोध है, देश इस समय एक अभूतपूर्व स्थिति से गुजर रहा है। आप अब एक सुनहरे भविष्य की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। कृपया इस समय घबराएं नहीं और धैर्य रखें। अब देश को एक अंतरिम सरकार मिलने वाली है, जो देश में नए चुनाव कराएगी।
इस अंतरिम सरकार का काम चुनाव कराना और देश को एक नया जनादेश देना है।’शाह ने आगे कहा कि मैं पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को इस अंतरिम/चुनावी सरकार का नेतृत्व सौंपने के आपके प्रस्ताव का पूर्ण समर्थन करता हूं। उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव युवाओं की समझदारी, परिपक्वता और एकता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि जो लोग अभी नेतृत्व संभालने की जल्दी में हैं, उन्हें समझना चाहिए कि देश को आपके जुनून, सोच और ईमानदारी की स्थायी रूप से जरूरत है, अस्थायी रूप से नहीं। इसके लिए चुनाव होंगे, इसलिए जल्दबाजी न करें। उन्होंने राष्ट्रपति से अपील की कि जेन-जी द्वारा लाई गई ऐतिहासिक क्रांति की रक्षा के लिए बिना देर किए संसद भंग कर अंतरिम सरकार का गठन किया जाना चाहिए।