लाहौरः जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, उतराखंड, पंजाब के साथ-साथ पाकिस्तान में बाढ़ के कारण हालात बिगड़ गए है। मानसून की बारिश ने भारत और पाकिस्तान, दोनों तरफ हालात बेहद खराब कर दिए हैं। अटारी-वाघा बॉर्डर पूरी तरह जलमग्न हो गया है, जिससे आवाजाही थम गई है और सुरक्षा चिंताएं बढ़ गई हैं। वाघा बॉर्डर से आई तस्वीरों में पूरा इलाका पानी में डूबा नजर आ रहा है, जिससे सीमा पर आवाजाही ठप हो गई है और सुरक्षा एजेंसियों की चिंता भी बढ़ गई है।
भारत के गुरदासपुर, पठानकोट और तरनतारन जैसे जिलों से लेकर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत तक नदियां उफान पर हैं। धूसी बांध टूटने और करतारपुर कॉरिडोर के आसपास पानी भरने से कई गांव जलमग्न हो गए हैं, वहीं दोनों तरफ हजारों लोग बेघर होकर राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर हैं। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में भी हालात कमोबेश ऐसे ही हैं। न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, 210,000 से अधिक लोग विस्थापित हो गए हैं। वहां बाढ़ और बारिश से गांव डूब रहे हैं और तेज बहाव का पानी भारतीय सीमा की ओर भी आ रहा है, जिससे सीमा से सटे इलाकों की स्थिति और खराब हो गई है।
करतारपुर कॉरिडोर के पुल के नीचे तेज धारा में बहता पानी दोनों तरफ के लोगों के लिए खतरा बना हुआ है। पंजाब प्रांत में बाढ़ से पैदा हुई तबाही से निपटने के लिए पाकिस्तान सरकार ने बुधवार को औपचारिक तौर पर सेना को बुला लिया है। इसके लिए गृह मंत्रालय ने आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी किया। मुल्क का सबसे बड़ा प्रांत पंजाब इस वक्त भीषण बाढ़ का सामना कर रहा है। इस साल अब तक पाकिस्तान में मानसूनी बारिश और बाढ़ से 800 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। सेना के जवानों को सरगोधा, लाहौर, ओकारा, फैसलाबाद, सियालकोट, नारोवाल और कसूर जिलों में भी तैनात किया जाएगा।