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श्रीमद्भागवत गीता मानवतावादियों के धर्म का मूल ग्रंथ है उसको जानने से ही धर्म की रक्षा संभव होगी: यति सत्यदेवानंद सरस्वती महाराज

एक साथ मां यज्ञ अग्नि और शस्त्र प्रशिक्षण तथा धर्म चर्चा अपने जीवन में पहली बार देखी: सुभाष ठाकुर

ऊना/सुशील पंडित: अखिल भारतीय सन्त परिषद् के हिमाचल प्रदेश, पंजाब और हरियाणा के प्रभारी यति सत्यदेवानंद सरस्वती महाराज शिष्य महामंडलेश्वर यति नरसिंहानन्द गिरी महाराज ने ड़गोह गांव में चल रहे 10 दिवसीय मां बगलामुखी महायज्ञ साधना तथा प्रशिक्षण शिविर कैंप की जानकारी देते हुए बताया कि इस महायज्ञ में हिमाचल प्रदेश के ही नहीं अपितु भारत के अलग अलग राज्यों से श्रद्धालु आकर मां बगलामुखी महायज्ञ में अपनी श्रद्धा की आहुति डाल रहे हैं। आज यज्ञ के सातवें दिवस पर अम्ब के जानेमाने व्यापारी सुभाष ठाकुर अपने बेटे अमित ठाकुर तथा सूबेदार सुरेन्द्र सिंह ने आहुति डाल कर मां का आशीर्वाद प्राप्त किया।

सुभाष ठाकुर  ने बताया कि एक साथ मां जगदम्बा और भगवान महादेव शिव की पूजा और शस्त्र प्रशिक्षण शिविर तथा धर्म चर्चा अपने जीवन में पहली बार देखा है अपने समाज के बच्चों को शारीरिक रूप तथा मानसिक रूप से सक्षम बनाना समय की आवश्यकता है। इसके लिए यति सत्यदेवानंद सरस्वती महाराज सम्मान के योग्य हैं। समाज के सभी लोगों को इसमें में आगे बढ़कर महाराज के इस प्रयास को सफल बनाना चाहिए। इससे बच्चों में संस्कार आ रहे है तथा बच्चे शारीरिक और मानसिक रूप से सुदृढ़ बन रहे हैं।

धर्म चर्चा में आज भगवान श्री कृष्ण जी के द्वारा सारी मानवता को अपने मुख से दिए गए उपदेश श्री मद्भागवत गीता जी के बारे में चर्चा करते हुए बताया कि मानवों को अगर जीवित रहना है और धर्म को स्थापित करना है तो सभी को श्री मद्भागवत गीता जी को पढ़ना और समझना ही पड़ेगा तथा उस ज्ञान को समझने के लिए भगवान श्री कृष्ण को योगेश्वर रूप में जानना जरूरी है। उनको जानना पड़ेगा कि युद्ध के एक दिन पहले स्वयं शान्ति का प्रस्ताव लेकर कुरु सभा में जाने बाला श्री कृष्ण अर्जुन के युद्ध से मना करने पर उसे बार बार लड़ने के लिए क्यों कहने लगा? वो कोन से श्री कृष्ण हैं जो युद्ध के मैदान में रख के आगे खड़े होकर अपने आप को महाकाल का रूप बता रहे हैं? वो कौन से श्री कृष्ण हैं जो अर्जुन को सारे धर्म त्याग कर अपनी शरण में बुलाकर वो करने को कह रहे हैं जो वह कह रहे हैं?

जब तक हम उस कृष्ण के बारे में नहीं जाएंगे उस कृष्ण की नहीं मानेंगे तब तक हमारे समाज को कोई दिशा नहीं दे सकता है। समाज की चाहिए कि अपने गुरुओं से सवाल करना सीखे और भगवान श्री कृष्ण जी के बारे बताने को कहें। इस अवसर पर उनके साथ गौतम ठाकुर, आयुष राणा, आयुष, आदि जसवाल, प्रमिला देवी, लीला देवी तृप्ता देवी, बिना देवी सहित गांव के लोगों ने धर्म चर्चा तथा यज्ञ में आहुति डाल कर पुण्य अर्जित करें

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