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ऊना की ग्राम पंचायत झंबर में भव्य शोभायात्रा के साथ हुआ श्री राम कथा का आगाज

क्षेत्र के सुप्रसिद्ध कथा वाचक आचार्य तरुण डोगरा ने की प्रवचनों की बौछार

ऊना/सुशील पंडित : देवभूमि हिमाचल प्रदेश के ऊना उपमंडल के तहत पढ़ती ग्राम पंचायत झंबर में श्री राम कथा रामायण महायज्ञ का आगाज भव्य शोभायात्रा के साथ द्वितीय वर्ष में प्रवेश हुआ और इस विशाल शोभायात्रा का आगाज गांव लाम, झंबर स्थित अलौकिक संकट मोचन श्री हनुमान जी मंदिर परिसर से शुरू होकर सेंकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं सहित बैंड बाजों, भगवान की झांकियों व हरे कृष्णा, हरे रामा एवं जय श्री राम के उद्घोष के साथ आरंभ होकर गांव सूरजेहडा से होता हुआ क्षेत्र की ग्राम पंचायत कुरियाला स्थित बाबा बालक नाथ मंदिर की ओर रवाना हुआ, इस दौरान पूरा क्षेत्र अलौकिक सौंदर्य से भरपूर नजर आया। इस भव्य शोभायात्रा को देखकर ऐसे लग रहा था कि भगवान श्री श्रीराम ऊना की देवनगरी गांव लाम, झंबर व सूरजेहड़ा में विराजमान हो चुके हैं। वहीं श्रद्धालुओं का भक्ति में तृप्त होते ही नजारा देखने को बन रहा था।

श्री राम का चरित्र विश्व संस्कृति में एक उज्जवल एवं सर्वत्र परिव्याप्त संतत्व: तरुण डोगरा

वहीं, संपूर्ण मंत्रोच्चारण के साथ तीनों गांवों के निवासियों द्वारा इस 9 दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान श्री राम कथामृत का शुभारंभ जिला ऊना के चौकीमनियार से सुप्रसिद्ध एवं मधुरभाषी आचार्य तरुण डोगरा द्वारा किया गया। श्री राम कथामृत के प्रथम दिवस में आचार्य तरुण डोगरा जी ने अपने मुखारविंद से कहा कि श्री राम जी का चरित्र विश्व संस्कृति में एक उज्जवल एवं सर्वत्र परिव्याप्त वर्णातीत संतत्व है। भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता में श्री राम कथा का वशिष्ट स्थान है। उन्होंने कहा कि श्री राम जी के बिना भारतीयता का अस्तित्व एवं उसकी पहचान भी संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारे जीवन का आधार प्रभु श्री राम है लेकिन उन्हें हम अपनी बुद्धि के द्वारा कभी समझ ही नहीं सकते और शास्त्र कहते हैं। राम अतर्कय बुद्धि मन वाणी— बुद्धि की एक सीमा होती है और सीमित बुद्धि से असीम को पाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि जहां बुद्धि की सीमा समाप्त होती है वहीं से तो ज्ञान का प्रारम्भ होता है। उन्होंने माता सती के प्रसंग के माध्यम से समझाया कि माता सती बुद्धि की इन्द्रियों से राम जी की लीला और उनके रहस्य को समझना चाहती थी पर वह नाकामयाब हुई। ठीक इसी प्रकार मन बुद्धि से हम अध्यात्म को समझ नहीं सकते, क्योंकि अध्यात्म का अर्थ होता है आत्मा का अध्ययन एवं आत्मानुभूति। जो केवल एक गुरु की कृपा से ही हम कर सकते है और मात्र एक पूर्ण गुरु ही हमें संशयों के भंवडर से निकाल कर अध्यात्म की डगर पर ले चलते हैं।

5 अप्रैल से 13 अप्रैल तक चलेगी श्री राम अमृत कथा

आपको बता दें कि यह धार्मिक अनुष्ठान गांव लाम, झंबर व सूरजेहड़ा के सौजन्य से 5 अप्रैल से 13 अप्रैल तक आयोजित किया जा रहा है, और 6 अप्रैल को श्री महावीर जयंती के उपलक्ष पर संकट मोचन श्री हनुमान जी मंदिर में झंडा रस्म अदा की जाएगी। वही श्रीराम कथा का समय दोपहर 2:00 से शाम 6:00 बजे तक रहेगा, तदोपरांत प्रतिदिन भंडारे का भी विशेष प्रावधान रहेगा। श्री राम कथा के के आयोजकों ने आम जनमानस से आह्वान किया है कि इस धार्मिक अनुष्ठान ज्ञान गंगा में पहुंचकर भगवान श्रीराम का आशीर्वाद प्राप्त करें।

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