नई दिल्लीः दिल्ली के लाल किले के पास ब्लास्ट के मामले में लगातार खुलासे हो रहे है। दरअसल, इस मामले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ती जा रही है, वैसे ही हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। अब इस मामले में सुरक्षा एजेंसियों को एक बड़ा सुराग मिला है। शुरुआती तफ्तीश में पता चला है कि जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी उमर मोहम्मद ने इस हमले को एक शू बम (जूता बम) की तरह अंजाम देने की कोशिश की हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक जांच एजेंसियों को विस्फोट वाली कार से एक जूता मिला है।
इसकी जांच में अमोनियम नाइट्रेट और TATP के ट्रेस मिले हैं। एजेंसियों के पुख्ता सूत्रों ने बताया कि धमाके वाली जगह पर खड़ी उसकी I20 कार के राइट फ्रंट टायर और ड्राइविंग सीट के नीचे से एक जूता मिला है। यह जूता जांच का अहम हिस्सा बन गया है क्योंकि इसमें धातु जैसे पदार्थ के निशान मिले हैं जो धमाके से जुड़े हो सकते हैं।
एजेंसियां इसे शुरुआती सुराग मान रही हैं और इस एंगल से भी जांच कर रही हैं। TATP एक बेहद खतरनाक और सेंसेटिव विस्फोटक माना जाता है, जिसे आतंकी अक्सर इस्तेमाल करते हैं। यह मामूली झटके, रगड़ या थोड़ी सी गर्मी से भी फट सकता है। इसी वजह से इसे आतंकी दुनिया में “Mother of Satan” यानी ‘शैतान की मां’ कहा जाता है।
10 नवंबर को दिल्ली धमाके में 13 लोगों की मौत हो गई थी और 24 से ज्यादा लोग जख्मी हैं। इधर, NIA ने रविवार को बताया कि कार चला रहा डा. उमर उल नबी एक आत्मघाती हमलावर (सुसाइड बॉम्बर) था। यह पहली बार है, जब किसी सुरक्षा एजेंसी ने ऑफिशियल तौर पर इसकी पुष्टि की है। इससे यह तय हो गया है कि ब्लास्ट सुसाइड अटैक ही था।