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शिवम ऑर्थाेकेयर ने रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट सिस्टम किया लॉन्च

ऊना/सुशील पंडित: हिमाचल और पंजाब क्षेत्र के जोड़ों के दर्द से पीड़ित मरीजों को ऊना के सर्वश्रेष्ठ ऑर्थाेपेडिक अस्पतालों में से एक शिवम ऑर्थाेकेयर अस्पताल में कोरी नामक एक उन्नत एआई-संचालित रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट सिस्टम की शुरुआत से बहुत फायदा मिलने वाला है। यह अत्याधुनिक तकनीक जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी की सटीकता बढ़ाएगी और सर्जरी के परिणामों को बेहतर बनाकर क्रांति लाएगी। मरीज अब तेजी से ठीक होने के कारण जल्दी घर लौट सकेंगे और जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी की पारंपरिक तकनीकों की तुलना में बिना दर्द के अपने दैनिक कार्य कर सकेंगे।

इस तकनीक को लॉन्च करते हुए, ऊना के शिवम ऑर्थाेकेयर अस्पताल के प्रतिष्ठित ऑर्थाेपेडिक सर्जन डॉ. रितेश कुमार सोनी ने कहा कि कोरी रोबोटिक सिस्टम की शुरुआत ऑर्थाेपेडिक सर्जरी में एक नए युग की शुरुआत है, जो अत्यधिक सटीक और मिनिमली इनवेसिव प्रोसीजर्स (कम से कम चीरफाड़ वाली प्रक्रियाएं) की अनुमति देता है। यह तकनीक न केवल सर्जिकल सटीकता को बढ़ाती है, बल्कि मरीजों के लिए रिकवरी के समय को भी काफी कम करती है, जिससे वे अपनी दैनिक गतिविधियां जल्दी शुरू कर सकते हैं।

डॉ. सोनी ने कहा कि हमारा उद्देश्य हिमाचल प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों के लोगों को सुपर-स्पेशियलिटी ऑर्थाेपेडिक सेवाएं प्रदान करना है। कोरी रोबोटिक सिस्टम की शुरूआत के साथ, हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं कि हमारे मरीज खामोशी से दर्द न सहते रहें और उन्हें सर्वाेत्तम संभव देखभाल मिल सके। अब इन क्षेत्रों के मरीजों को अपने शहरों में ही विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं मिल पाएंगी और उन्हें रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट के लिए बड़े शहरों की लंबी यात्राएं नहीं करनी पड़ेंगी।

डॉ सोनी ने 15 वर्षों की अवधि में 1,500 से अधिक जॉइंट रिप्लेसमेंट सफलतापूर्वक किए हैं, जिससे इस क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए उनकी प्रतिष्ठा स्थापित हुई है। वर्तमान में वह चार पूर्णकालिक/उत्कृष्ट ऑर्थाेपेडिक सर्जनों की एक टीम का नेतृत्व कर रहे हैं, जो हिमाचल प्रदेश और पंजाब के आसपास के क्षेत्रों के सभी निवासियों को विशेष ऑर्थाेपेडिक देखभाल प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

डॉ. सोनी ने आईजीएमसी शिमला से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की, उसके बाद पीजीआई चंडीगढ़ से ऑर्थाेपेडिक्स में एमएस किया। अपने कौशल को और निखारने के लिए डॉ. सोनी ने हांगकांग और दक्षिण कोरिया में फेलोशिप ली, जहां उन्होंने ऑर्थाेपेडिक तकनीकों में उन्नत विशेषज्ञता हासिल की।

लॉन्च कार्यक्रम में स्थानीय गणमान्य लोगों, स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों और समुदाय के सदस्य शामिल हुए, सभी ने इस तकनीक द्वारा क्षेत्र में ऑर्थाेपेडिक स्वास्थ्य सेवाओं में लाई गई नई संभावनाओं और क्षमताओं के लिए उत्साह और आशा व्यक्त की।

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