बंगाणा में लगे स्वयं सहायता समूह का जिलाधीश ने किया निरीक्षण, घरेलू उपकरण पर की चर्चा
ऊना/सुशील पंडित : जिला ऊना महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनके आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में जिला प्रशासन ऊना ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। जिलाधीश जतिन लाल की अध्यक्षता में जिला ऊना में स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी महिलाओं द्वारा निर्मित घरेलू उत्पादों के क्रय-विक्रय को बढ़ावा देने, उनके व्यवसायिक कौशल को निखारने और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए कार्य करेगी। जिलाधीश ऊना जतिन लाल ने कहा कि स्वयं सहायता समूह के सौजन्य से ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने का एक अच्छा जरिया है। घरेलू उत्पादन करके महिलाएं खुद आत्म निर्भर बन सकती हैं। उन्होंने कहा कि उपकरण के साथ खाद्यान्न वस्तुओं का उत्पाद करके स्वयं सहायता समूह के द्वार बाजार में अच्छे दामों में बेचकर महिलाएं अपनी आर्थिकी मजबूत कर सकती हैं। इस मौके पर प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे।
बंगाणा में लगा स्वयं सहायता समूहों के स्टॉल का जिलाधीश ने किया निरीक्षण
खंड विभाग भवन बंगाणा परिसर में स्वयं सहायता समूहों द्वारा लगाए गए स्टॉल का जिलाधीश ऊना जतिन लाल ने निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने महिलाओं द्वारा निर्मित घरेलू उत्पादों और हस्तशिल्प की गुणवत्ता की सराहना की। इन स्टॉल पर विभिन्न प्रकार के हस्तनिर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई थी, जिनमें जैविक उत्पाद, हैंडमेड सजावटी सामान, खाने-पीने की वस्तुएं, कपड़े, बांस से बने उत्पाद और कई अन्य घरेलू उपकरण शामिल थे।
जिलाधीश ऊना जतिन लाल ने कहा कि प्रशासन महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर संभव सहायता करेगा। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि जिले में निर्मित घरेलू उत्पादों के बाजार को मजबूत करने की जरूरत है, ताकि स्थानीय स्तर पर ही इनका व्यापार बढ़ाया जा सके। उन्होंने आश्वासन दिया कि स्वयं सहायता समूहों को न केवल वित्तीय सहायता दी जाएगी, बल्कि उनके उत्पादों को ऑनलाइन और ऑफलाइन मार्केट में भी उचित स्थान दिलाने की दिशा में प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में घरेलू उपकरणों की मार्केट में जरूरत भी है। ओर आज के समय में जनता पसंद भी कर रही है।
जिलाधीश ऊना जतिन लाल ने भी स्वयं सहायता समूह से खरीदे उपकरण
खंड बिकास भवन बंगाणा में लगे स्वयं सहायता समूह के स्टॉल के निरीक्षण के दौरान जिलाधीश जतिन लाल ने स्वयं भी कुछ उत्पाद खरीदे और महिलाओं द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन का उद्देश्य महिलाओं को स्वावलंबी बनाना है, ताकि वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होकर अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधार सकें। उन्होंने कहा कि कमेटी द्वारा स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को विभिन्न प्रकार की व्यावसायिक ट्रेनिंग भी दी जाएगी। इसमें मार्केटिंग, ब्रांडिंग, डिजिटल प्लेटफॉर्म पर व्यापार विस्तार और वित्तीय प्रबंधन जैसी आवश्यक जानकारियां दी जाएंगी। जिलाधीश ने बताया कि आने वाले समय में स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए कई योजनाएं चलाई जाएंगी।
जिलाधीश जतिन लाल ने कहा कि जिला ऊना में स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि सरकारी और निजी आयोजनों में इनके उत्पादों को बिक्री के लिए विशेष स्थान दिया जाएगा। विभिन्न सरकारी कार्यालयों, मेलों और प्रदर्शनियों में इनके स्टॉल लगाए जाएंगे, जिससे महिलाओं को सीधा ग्राहकों से जुड़ने और अपने उत्पादों को बेचने का अवसर मिलेगा। जिलाधीश ने कहा कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना समाज के समग्र विकास के लिए आवश्यक है। जब महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत होंगी, तो न केवल उनके परिवार बल्कि पूरा समाज प्रगति करेगा। उन्होंने कहा कि सरकार और प्रशासन की ओर से महिलाओं को हरसंभव सहयोग दिया जाएगा, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और अपने व्यवसाय को सफलतापूर्वक आगे बढ़ा सकें। उन्होंने कहा कि यह पहल न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगी बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाएगी। जिला ऊना में गठित कमेटी द्वारा किए गए प्रयास निश्चित रूप से महिलाओं के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। यह पहल महिलाओं को नए अवसर देने और उनके आर्थिक उत्थान के लिए मील का पत्थर साबित होगी।