मोहाली: पंजाब रोडवेज पनबस/पीआरटीसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन ने एक बार फिर से मोर्चे का एलान कर दिया है। ऐसे में पंजाब के लोगों को 7 अप्रैल से 9 अप्रैल तक आने-जाने में दिक्कत हो सकती है, क्योंकि पंजाब रोडवेज पनबस/पीआरटीसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन ने सरकार को अल्टीमेटम दिया है कि अगर उनकी मांगें एक महीने में पूरी नहीं हुईं, तो बसों के आवाजाही रोकेंगे। जबकि 13 मार्च से मुलाजिमों द्वारा अपने जिला स्तर पर विरोध प्रदर्शन शुरू किए जाएंगे, जिसके लिए पूरा शेड्यूल तैयार किया गया है। यह फैसला मुलाजिमों की मीटिंग में लिया गया।
उन्होंने दलील दी कि वे नहीं चाहते हैं कि आम लोगों को परेशानी उठानी पड़े, लेकिन सरकार द्वारा उनकी सुनवाई न होने के कारण उन्हें यह कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। इस दौरान 577 रूटों पर बस सेवा प्रभावित होगी। पीआरटीसी के बड़े में 1200 से अधिक बसें है। जबकि 400 के करीब नई बसें आने वाली हैं। मुलाजिमों की बैठक में पंजाब रोडवेज पनबस/पीआरटीसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन और प्रदेश अध्यक्ष रेशम सिंह की प्रधानगी में हुई।
वरिष्ठ प्रधान हरकेश कुमार विक्की और गुरप्रीत सिंह पन्नू ने बताया कि 1 जुलाई 2024 को पंजाब के मुख्यमंत्री ने ट्रांसपोर्ट कर्मचारियों की मांगों का समाधान एक महीने के भीतर करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब 7-8 महीने बीत चुके हैं और कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। एक कमेटी भी बनाई गई थी, और इसके बाद पंजाब के परिवहन मंत्री ने भी मांगों को जल्द हल करने का भरोसा दिया था। कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को परिवहन विभाग की अलग नीति के तहत नियमित किया जाएगा। यूनियन ने पड़ोसी राज्यों में कर्मचारियों के स्थायीकरण से संबंधित सभी दस्तावेज भी समिति को सौंप दिए थे।