राजौरी: जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में हाल ही में निर्मित 32 किलोमीटर लंबी कोटरंका-खवास सड़क पिछले 2 हफ्तों से लगातार हो रही भारी बारिश और भूस्खलन के कारण बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। भूस्खलन से कोटरंका-खवास सड़क को भारी नुकसान हुआ है। 2023-24 की अवधि में पूरी होने वाली यह सड़क कोटरंका उप-मंडल और खवास तहसील के बीच एक महत्वपूर्ण संपर्क मार्ग का काम करती थी। गौर हो कि जम्मू-कश्मीर में भारी और भूस्खलन के तांडव के कारण हाल ही में वैष्णो देवी मार्ग को बंद कर दिया गया था। जिसके बाद अब नेशनल हाईवे पर मलबा गिरने से यात्रियों में दहशत का माहौल पाया जा रहा है।
श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने नितिन गडकरी से बात की और राजमार्ग को सुचारू रूप से शुरू करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से राजमार्ग की बहाली सुनिश्चित करने को कहा है। पिछले 15 दिनों से यह मार्ग पूरी तरह से कटा हुआ है। इससे स्थानीय निवासियों में भारी परेशानी है। इस व्यवधान ने दैनिक जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। स्थानीय लोगों के अनुसार छात्र स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। बीमार लोगों को चिकित्सा केंद्रों तक पहुंचाना बेहद मुश्किल हो गया है। कई ग्रामीणों को आवश्यक सेवाओं तक पहुंचने के लिए 15 से 20 किलोमीटर पैदल चलने को मजबूर होना पड़ रहा है।
जमीन धंसने के कारण सड़क पुनर्निर्माण के काम बाधिक है। ये एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। राजौरी जिले के बधाल गांव में रहने वाले जतिंदर शर्मा ने मंगलवार को न्यूज एजेंसी को बताया, ‘पिछले 15 दिनों से यहां सड़क बंद है। बाढ़ के कारण सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है। इस सड़क से और भी कई रास्ते जुड़े हैं। इस वजह से बुजुर्गों और स्कूली बच्चों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन की तरफ से कोई भी सड़क की मरम्मत के लिए नहीं आया है। हम अनुरोध करते हैं कि सड़क को बहाल किया जाए।’
कुछ हिस्सों में जमीन धंसने से संकट और बढ़ गया है। इससे बड़े इलाके खतरे में पड़ गए हैं। कम से कम सात घर बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इनमें से एक दो मंजिला घर अपनी मूल जगह से लगभग 50 मीटर नीचे खिसक गया है। हालांकि ये अभी भी सीधा खड़ा है। ऐसी घटनाओं से निवासियों में व्यापक दहशत फैल गई है। कोटरंका के अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) दिलमीर चौधरी के अनुसार सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
स्थानीय प्रशासन भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करते हुए पूर्ण सहयोग प्रदान कर रहा है। राहत और मुआवजा देने के प्रयास सक्रिय रूप से जारी हैं। अधिकारी, एक स्थानीय गैर-सरकारी संगठन के सहयोग से विस्थापित परिवारों को राहत सामग्री और आवश्यक वस्तुएं प्रदान कर रहे हैं। प्रशासन ने कलाबन को असुरक्षित घोषित कर दिया है और निवासियों को अगली सूचना तक वहाँ से निकलने का निर्देश दिया है।