पठानकोटः पंजाब में आई बाढ़ के बाद लोग धीरे-धीरे अपनी जिंदगी पटरी पर ला रहे हैं, लेकिन अभी भी कई जगहों पर नुकसान की वजह से सरकारी काम भी रुका हुआ है, जिससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसी का उदाहरण बॉर्डर के गांव ताश के पास रावी नदी पर बना पुल है जहां, हर साल अक्टूबर महीने में लगने वाला प्लाटून ब्रिज अभी तक एडमिनिस्ट्रेशन ने नहीं लगाया है। जानकारी के मुताबिक, रावी नदी में आई बाढ़ के बाद नदी की ज्योग्राफिकल पोजिशन बदल गई थी, जिसकी वजह से इस नदी पर प्लाटून ब्रिज लगाना मुश्किल लग रहा था।
बता दें कि यह पलटन पुल रावी नदी पर है, जिसे प्रशासन सिर्फ बारिश के मौसम में हटाता है और इस पुल को दोबारा बनाने की तारीख 15 अक्टूबर तय की गई है, लेकिन इस बार दिसंबर महीना बीत जाने के बावजूद प्रशासन ने यह पुल नहीं बनाया है, जिसकी वजह से बॉर्डर इलाके के ताश, मजीरी, अखबारन, लसयान, जैतपुर, दत्याल, बसाऊ बरमा, आदम बरमा, बमियाल, झरोली वगैरह गांवों के लोगों को गुरदासपुर आने के लिए करीब 50 किलोमीटर का सफर करना पड़ता है, क्योंकि इस इलाके के लोग अक्सर इसी रास्ते से प्लाटून पुल पार करते थे, लेकिन इस बार पुल न बनने की वजह से लोगों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
इस रावी नदी पर अभी नाव चलाई जा रही है, जिसकी मदद से लोगों को यह नदी पार कराई जा रही है। लेकिन लोगों को सुबह देर से नाव का इंतजार करना पड़ता है और शाम 5 बजे के बाद इस रास्ते से जाना नामुमकिन हो गया है।
स्थानीय विशाल शर्मा तथा मंजीत सिंह व अन्य ने बताया कि यह पुल लोगों के लिए बहुत बड़ी सुविधा है। हालांकि सरकार अभी तक पक्का पुल नहीं बना पाई है, लेकिन स्वर्गीय MP विनोद खन्ना ने इस नदी पर प्लाटून ब्रिज बनवाया था, जो लोगों के लिए वरदान साबित हुआ है, लेकिन इस बार दिसंबर महीना बीत जाने के बाद भी इस पुल के बनने से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस मौके पर बॉर्डर इलाके के लोगों ने प्रशासन से मांग की कि इस पुल का निर्माण जल्द किया जाए ताकि लोगों को सुविधा मिल सके।