2017 के अनुसार भारतीय सलाहकार मंच का हो गठन-डा. राजेश गुप्ता
फार्मा जगत के विभिन्न मुददों पर सकारात्मक चर्चा की
एमएसएमई सैक्टर की 50 करोड से कम टर्नओवर वाली कंपनियों को बचाने की गुहार
बद्दी/सचिन बैंसल: देश के सबसे बडे उद्योग संगठन लघु उद्योग के पदाधिकारी विभिन्न मुददों को लेकर देश के स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा से दिल्ली में मिले। टीम का प्रतिनिधित्व अखिल भारतीय अध्यक्ष लघु उद्योग भारती घनश्याम ओझा, अखिल भारतीय महासचिव ओम प्रकाश गुप्ता, अखिल भारतीय फार्मा विंग प्रमुख डॉ. राजेश गुप्ता, महाराष्ट्र फार्मा विंग प्रमुख डॉ. रवलीन खुराना, मध्य प्रदेश फार्मा विंग प्रमुख अमित चावला, रसायन एवं वस्त्र उद्योग के आयातक रवि पोद्दार, अखिल भारतीय वस्त्र विंग प्रमुख महेश हुरकत ने किया। डा राजेश गुप्ता जो कि फार्मा हब हिमाचल प्रदेश से ताल्लुक रखते हैं ने बताया कि एक घंटे की वार्ता के दौरान स्वास्थ्य मंत्री के कई मुददों पर सार्थक मुददों पर चर्चा हुई। इसमें प्रमुख तौर पर 50 करोड़ रुपये से कम टर्नओवर वाली एम.एस.एम.ई फार्मा कंपनियों का भविष्य के लिए सुरक्षा और बंद होने से बचाने के लिए संशोधित अनुसूची एम का विस्तार पर बात हुई।
दवाओं के सैंपल फेल होने के मुददे पर यह बात हुई कि अच्छी गुणवत्ता वाले उत्पादों (97.3फीसदी) की सराहना न किए जाने की चिंता जताई गई, जबकि 2.64 फीसदी एनएसक्यू उत्पादों को जोखिम-आधारित निरीक्षणों और बंद करने के माध्यम से टारगेट किया जाता है जो कि सही नहीं है। भारत में एनएसक्यू (नॉन स्टैंड क्वालिटी) मुद्दों और ब्रांड भारत पर प्रभाव के आधार पर अफ्रीकी बाजारों में अलर्ट से भारत को नुकसान हो रहा है। यूएसएफडीए रिकॉल के कारण ब्रांड भारत पर प्रभाव पड़ रहा है। राष्ट्रीय अध्यक्ष घनश्याम ओझा ने डीटीएबी में लघु उद्योग भारती के किसी प्रतिनिधि की नियुक्ति को स्वीकृति देने की बात दोहराई। संगठन के पदाधिकारियो ने औषधि न्यायाधिकरण बोर्ड के पुर्नगठन की बात उठाई जो कि धारा 33पी दिशानिर्देशों और जन विश्वास विधेयक के अनुसार कार्य करता हो। उद्योग भारती ने 183 देशों को निर्यात के लिए बाधाओं को दूर करने की मांग प्रमुखता से स्वास्थ्य मंत्री के समझा उठाई और अधिकारियों को तुरंत ध्यान देने के निर्देश देने की बात कही गई। अगर समय पर निर्यात नहीं होगा तो उत्पादों को भारी नुक्सान झेलना पड़ सकता है। एनडीसीटी नियम 2019 कार्यान्वयन पूर्वव्यापी नहीं होना चाहिए, 2019 से पहले निर्मित निरंतर-रिलीज फार्मूेलेशन के लिए अनुमोदन सुरक्षित रखना चाहिए। आयात और घरेलू विनिर्माण के लिए एपीआई, एक्सीपिएंट्स और सॉल्वैंट्स उद्योग पर मार्गदर्शन की आवश्यकता है।
कुछ रसायनों के बारे में एसक्यूए मामले और आयात बाधाएँ हैं उनको दूर किया जाना अति आवश्यक है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं रसायन उर्वरक मंत्री जेपी नडडा ने संस्था के उस आग्रह को स्वीकृत कर लिया जिसमें फ़ॉस्कोस/एफएसएसएआई से संबंधित मुद्दे में लघु उद्योग भारती के पदाधिकारियों को प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। डा राजेश कुमार गुप्ता ने बताया कि पीएलआई योजना और एमएसएमई सदस्यों का निवेश और अभी भी अनुदान वितरण (सब्सिडी) अभी भी लंबित है। गुप्ता ने मंत्री से आग्रह किया कि 2017 के इंडियन एडवाईजारी फॉरम का गठन किया जाना अत्यंत आवश्यक है कि ताकि ड्रग के मुददों पर समय समय पर सार्थक चर्चा हो सके और मेक इन इंडिया का सपना पूर्ण तौर पर सार्थक हो सके।
दिया सकारात्मक आश्वासन- केंद्रीय स्वास्थ्य एवं रसासन उर्वकर मंत्री भारती सरकार जेपी नडडा ने लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय स्तर के प्रतिनिधिमंडल की तमाम बातों व मुददों को ध्यान से सुना और उन पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया। मुख्य तौर पर प्रतिनिधिमंडल ने फार्मा सैक्टर से जुडे एमएसएमई को बचाने के लिए उपाय सुझाने व ऐसे उद्योगों के प्रति नर्मी बरतने का आग्रह किया क्योंकि आज यही एक सैक्टर है जो कि सर्वाधिक 82 फीसदी रोजगार देश को प्रदान करता है। संगठन के पदाधिकारियों ने जेपी नडडा को हिमाचली टोपी व शॉल देकर सम्मानित किया।