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कोडीनयुक्त कफ सिरप की अवैध बिक्री पर ताबड़तोड़ कार्रवाई, श्री श्याम फार्मा पर केस दर्ज

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लखनऊः कोडिन कफ सिरप को फर्जी तरीके से बिल बनाकर मेडिकल स्टोर संचालकों को बेचने के मामले में एफएसडीए ने अमीनाबाद कोतवाली में श्री श्याम फार्मा के मालिक विशाल चौरसिया के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। इस फर्म पर एफएसडीए ने करीब एक सप्ताह पहले छापा मारा था। वहां से मिले रिकॉर्ड के आधार पर ही एफएसडीए के अफसरों ने जांच पड़ताल की। मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देशों के बाद प्रदेश सरकार ने मिलावटी खाद्य पदार्थों की तरह अब नॉरकोटिक्स औषधियों के अवैध व्यापार पर भी शिकंजा कस दिया है।

आयुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, उत्तर प्रदेश द्वारा जारी निर्देशों के क्रम में विभाग की प्रवर्तन टीमों ने प्रदेशभर में कोडीनयुक्त कफ सिरप एवं अन्य नशीली औषधियों के अवैध क्रय–विक्रय, वितरण और भंडारण पर प्रभावी रोकथाम के लिए व्यापक एवं सघन कार्यवाही की है। इसके तहत बड़े पैमाने पर सीजर, गिरफ्तारी और NDPS एक्ट में केस दर्ज किए गए हैं और यह अभियान निरंतर जारी है।

ऐसे में लखनऊ समेत प्रदेश के कई जिलों में व्यापक पैमाने पर छापेमारी, जांच और कार्रवाई जारी है। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच और छापेमारी से यह स्पष्ट हुआ है कि इन दवाओं की आपूर्ति केवल स्थानीय बाजारों तक सीमित नहीं है, बल्कि पंजाब और दिल्ली जैसे राज्यों के साथ साथ असम मार्ग के जरिए बांग्लादेश तक पहुंचने की भी संभावना है। इस प्रकार का नेटवर्क अंतरराज्यीय ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सक्रिय प्रतीत हो रहा है। उन्होंने बताया कि संपूर्ण आपूर्ति श्रृंखला (मैन्युफैक्चरिंग से लेकर रिटेल स्तर तक) की विस्तृत जांच की जा रही है।

इसके अंतर्गत नारकोटिक्स ब्यूरो द्वारा जारी किए जाने वाले उत्पादन कोटा और लाइसेंस के साथ-साथ सभी विनिर्माण इकाइयों, स्टॉकिस्ट, डिस्ट्रीब्यूटर, होलसेलर और रिटेलर से संबंधित अभिलेख प्राप्त कर उनका सत्यापन किया जा रहा है। डॉ. जैकब ने कहा कि सिर्फ ड्रग एक्ट के तहत कार्रवाई पर्याप्त नहीं है। इस तरह के मामलों में एनडीपीएस अधिनियम सहित विभिन्न प्रवर्तन एजेंसियों के साथ संयुक्त और समन्वित अभियान चलाना अनिवार्य है।

लखनऊ में दीपक मानवानी नामक व्यक्ति के घर पर छापेमारी कर ₹3 लाख मूल्य की अवैध औषधियां जब्त की गईं। आरोपी को गिरफ्तार कर NDPS एक्ट, 1985 की धारा 8, 21, 22 के तहत केस दर्ज हुआ। इसके अलावा M/s Arpik Pharmaceuticals Pvt. Ltd. और M/s Idhika Lifesciences Pvt. Ltd. के गोदामों पर भी छापे मारे गए, जहां से कोडीनयुक्त औषधियों के वितरण अभिलेखों की जांच शुरू की गई है। इसी तरह, लखीमपुर खीरी में पीयूष मेडिकल एजेंसी के संचालक के घर से अवैध Tramadol capsules जब्त किए गए।

बहराइच में रॉयल फार्मा और ममता मेडिकल एजेंसी पर छापेमारी के दौरान ₹30,000 मूल्य की अवैध औषधियाँ जब्त कर दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। सीतापुर में नैमिष मेडिकल स्टोर के संचालक शिवम कुमार के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 318(1) और 335 में केस दर्ज हुआ। रायबरेली के अजय फार्मा और लखनऊ–सुल्तानपुर के श्री श्याम फार्मा व विनोद फार्मा के खिलाफ भी कोडीनयुक्त औषधियों की बिलिंग और विक्रय में अनियमितता पाए जाने पर कार्यवाही की गई है।

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