नई दिल्ली: चीफ जस्टिस बीआर गवई की ओर जूता उछालने वाले वकील राकेश किशोर को मंगलवार को वकीलों के विरोध का सामना करना पड़ा। दरअसल, आज जब राकेश किशोर कड़कड़डूमा कोर्ट पहुंचे तो वकीलों ने उनके साथ मारपीट करने की कोशिश की है। दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट परिसर की ये घटना है। इस घटना का वीडियो सामने आया है। जहां कड़कड़डूमा कोर्ट परिसर में राकेश किशोर पर एक दूसरे वकील ने चप्पल से हमला कर दिया। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में वकील राकेश किशोर इस दौरान ‘सनातन धर्म की जय’ का नारा लगाते हुए दिख रहे हैं।
घटना के बाद मौके पर मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने बीच-बचाव कर स्थिति को नियंत्रित किया। फिलहाल इस मामले में कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं हुई है। राकेश किशोर वही वकील हैं जिन्होंने कुछ समय पहले सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश गवई पर जूता उछालने की कोशिश की थी। दरअसल, 6 अक्टूबर 2025 की सुबह राकेश किशोर नामक वकील ने चीफ जस्टिस बीआर गवई पर जूता फेंका था, लेकिन जूता चीफ जस्टिस के पास नहीं पहुंच सका। जब उसने चीफ जस्टिस की तरफ जूता फेंकने की कोशिश की तो कोर्ट रूम में मौजूद दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल ने उसे तुरंत पकड़ लिया था। पुलिस जब उसे कोर्ट रूम से ले जा रही थी, तो उसने उस दौरान जोर से बोला “सनातन धर्म का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान।”
बता दें कि राकेश किशोर की उम्र 71 साल है. वह चीफ जस्टिस गवई के उस बयान से आहत था, जिसमें उन्होंने भगवान विष्णु को लेकर टिप्पणी की थी। इस घटना के बाद वकील संगठनों ने इसकी निंदा करते हुए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष प्रदर्शन भी किया था। इस मामले में अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने 16 अक्टूबर को राकेश किशोर के खिलाफ कोर्ट की अवमानना की कार्यवाही शुरू करने पर अपनी सहमति दे दी थी।
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने राकेश किशोर के खिलाफ अवमानना का मुकदमा चलाने के लिए अनुमति मांगी थी। विकास सिंह ने कहा था कि जूता फेंकने की घटना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। वकील राकेश किशोर को कोई पछतावा नहीं है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने राकेश किशोर को अवमानना का नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अवमानना नोटिस जारी करना उसे बेवजह तव्वजो देना होगा, बेहतर होगा कि यह विवाद अपने आप खत्म हो जाए।