लुधियाना : पंजाब का पहला डॉग पार्क कुछ महीने पहले में खोला गया था, जिसमें लोग अपने डॉग को पार्क में घूमा सकते थे। लेकिन लोगों द्वारा इस डॉग पार्क को पसंद भी किया गया था। इस डॉग पार्क की कई दिन लोगों में चर्चा भी होती रही। इसके लिए 40 रुपए फीस भी रखी गई थी। लेकिन अब इस पार्क को ताला लगाए जाने की कोशिश की जा रही है। कारण यह है डॉग पार्क के प्रबंधकों पर डॉग पार्क को कमर्शीलाइज करने के आरोप लग रहे है। पब्लिक एक्शन कमेटी के सदस्यों ने मैनेजमेंट पर आरोप लगाए हैं कि पब्लिक पार्क के अंदर एक हैदराबाद की प्राइवेट फर्म को सस्ते दामों में डॉग कैफे खोलकर दिया है, ओर डॉग अस्पताल खोलने जा रहे है। यहां यह प्राइवेट फर्म अपना बिजनेस चला कर मोटे पैसे कमाएगी। जोकि सीधे तौर पर पब्लिक की जेब पर डाका डालने की तैयारी है। डॉग पार्क में डॉग की इंट्री फीस 40 रुपए रखी गई है। उसके बाद डॉग हेल्थ व डॉग कैफे के नाम पर लोगों को 600 से 700 रुपए तक भरने पड़ेंगे।
जोकि कभी भी बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट व एन.जी.टी की गाइड लाइन के मुताबिक किसी भी पब्लिक पार्क में या ग्रीन बेल्ट एरिया में कमर्शियल एक्टिविटी नही की जा सकती। इसके बावजूद डॉग पार्क को कमर्शलाइज किया जा रहा है। पब्लिक एक्शन कमेटी के सदस्य कपिल ने कहा कि कहीं न कहीं इस सारे मामले में भ्रष्टचार हो रहा है। और अपने चहेते लोगों को गैरकानूनी तरीके से पब्लिक प्लेस में बिजनेस करने की छूट दी जा रही है। पब्लिक एक्शन कमेटी के बाकी सदस्यों ने कहा कि इस पूरे मामले में डॉग पार्क व अन्य पार्कों के बारे में NGT को लिखती रूप में शिकायत दी गई है, ओर एन.जी.टी ने इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के चेयरमैन, लुधियाना के डिप्टी कमिश्नर व नगर निगम के कमिश्नर को 11 जनवरी को तलब किया है। अब देखना यह होगा कि इस पूरे मामले में एनजीटी का क्या फैसला आता है। डॉग पार्क डॉग्स के लिए खुला रहता है या इसे बंद कर दिया जाता है।