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अमेरिका में 3 दशकों से रह रही पंजाबी महिला ग्रीन कार्ड इंटरव्यू में गिरफ्तार, सासंद में उठा मुद्दा

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वॉशिंगटन: अमेरिका में रह रहे भारतीय समुदाय के लिए एक बेहद चौंकाने वाली खबर सामने आई है। 60 साल की भारतीय मूल की पंजाबी महिला को उसके ग्रीन कार्ड इंटरव्यू के आखिरी राउंड के दौरान इमिग्रेशन अधिकारियों ने अरेस्ट किया है। बबली कौर की बेटी ज्योति ने बताया कि मां अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) कार्यालय के फ्रंट डेस्क पर अपनी बारी का इंतजार कर रही थीं। तभी अचानक कई संघीय एजेंट इमारत में दाखिल हुए। अधिकारियों ने कौर को उस कमरे में बुलाया जहां एजेंट मौजूद थे और उन्हें सूचित किया गया कि उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है। बबली कौर का परिवार 1994 में अमेरिका गया था।

पहले वे लगुना बीच में बसे और बाद में काम के सिलसिले में लॉन्ग बीच आ गए। उनके 3 बच्चे हैं और जिनमें से 2 अमेरिकी नागरिक हैं और 34 वर्षीय बेटी ज्योति को ‘डाका’ (DACA – बचपन में आए प्रवासियों के लिए सुरक्षा कानून) के तहत अमेरिका में रहने की कानूनी अनुमति प्राप्त है। उसकी मां अपने पेंडिंग ग्रीन कार्ड एप्लीकेशन से जुड़ी एक रूटीन बायोमेट्रिक्स अपॉइंटमेंट के लिए गई थीं और उस दौरान उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। दूसरी ओर लॉन्ग बीच वॉचडॉग की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय मूल की नागरिक बबली कौर के पास उनकी एक और बेटी की अप्रूव कराई हुई ग्रीन कार्ड पिटीशन है।

कौर की ये बेटी और उसके पति, दोनों ही यूएस के नागरिक हैं और इनके पास ग्रीन कार्ड भी है। वहीं ज्योती ने बताया कि फेडरल एजेंट्स ने बबली कौर को उनके वकील से बात करने की अनुमति दी गई, लेकिन उन्हें घर जाने की अनुमति नहीं मिली। परिवार के सदस्यों को कई घंटों तक अंधेरे में रखा गया और यह नहीं बताया गया कि उन्हें कहां ले जाया जा रहा है। बाद में पता चला कि उन्हें एडेलेंटो ले जाया गया है, जो पहले एक संघीय जेल थी और अब इसे ICE के हिरासत (डिटेंशन सेंटर) केंद्र के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

‘लॉन्ग बीच वॉचडॉग’ की रिपोर्ट के मुताबिक, यह गिरफ्तारी इसलिए भी समझ से परे है, क्योंकि बबली कौर के पास ग्रीन कार्ड प्राप्त करने के लिए सभी जरूरी आधार मौजूद थे। उनकी एक बेटी अमेरिकी नागरिक है और उनके पति के पास पहले से ही ग्रीन कार्ड है। इन आधारों पर उनकी ग्रीन कार्ड याचिका भी स्वीकृत हो चुकी थी। बेटी ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद मां बबली कौर को जिन हालात में रखा गया है, वे बेहद अमानवीय हैं। उनके परिवार ने बताया कि उन्हें एक बड़े बैरक जैसे कमरे में दर्जनों अन्य बंदियों के साथ रखा गया है। वहां रात भर तेज रोशनी (लाइट्स) जलती रहती है और लगातार शोर होता है, जिससे 60 वर्षीय कौर ठीक से सो भी नहीं पा रही हैं।

बबली कौर और उनके पति ने 3 दशकों से अधिक समय तक बेलमोंट शोर में ‘नटराज कुज़ीन ऑफ इंडिया एंड नेपाल’ नामक एक लोकप्रिय रेस्तरां चलाया। इस भोजनालय को स्थानीय लोग बहुत पसंद करते थे। इसके अलावा, कौर ने लगभग 25 बरसों तक एक मशहूर फार्मेसी चेन ‘राइट एड’ में भी काम किया। हाल ही में वह दोबारा रेस्तरां के काम में लौटने की तैयारी कर रही थीं। यह मामला तूल पकड़ने के बाद, लॉन्ग बीच के डेमोक्रेटिक सांसद रॉबर्ट गार्सिया ने बबली कौर की रिहाई की मांग की है। उनके कार्यालय ने पुष्टि की है कि वे संघीय अधिकारियों के संपर्क में हैं। वहीं, कौर का परिवार उन्हें जमानत पर बाहर लाने के लिए कानूनी दस्तावेज तैयार कर रहा है।

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