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Punjab News: पंजाब सरकार ने धान मिलिंग नीति के साथ औद्योगिक विकास, बांध सुधार और किसानों को मालिकाना हक देने के लिए लिए बड़े फैसले!

  • मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई में कैबिनेट ने धान मिलिंग नीति 2024-25 को मंजूरी दी, औद्योगिक विकास और बांध सुधार परियोजना में ऐतिहासिक फैसले

पंजाब, (चंडीगढ़), 14 अक्टूबर, 2024: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में खऱीफ 2024-25 के लिए कस्टम मिलिंग नीति को मंजूरी दे दी गई है। इस नीति के अंतर्गत राज्य की खरीद एजेंसियां (पुनग्रेन, मार्कफेड, पनसप और पीएसडब्ल्यूसी) धान की मिलिंग कर उसे कस्टम मिल्ड चावल में बदलेंगी और इसे केंद्र सरकार के केंद्रीय पूल में भेजा जाएगा।

धान मिलिंग नीति में प्रमुख प्रावधान

कैबिनेट के प्रवक्ता के अनुसार, खऱीफ मार्केटिंग सीजन 2024-25 की शुरुआत 1 अक्टूबर से होगी, और धान की खरीद प्रक्रिया 30 नवंबर तक पूरी की जाएगी। पंजाब सरकार की यह नई नीति धान मिलिंग की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और स्वचालित बनाने के लिए बनाई गई है। अब राज्य में धान मिलर्स और मंडियों को ऑनलाइन सिस्टम से जोड़ा जाएगा, जिससे धान आवंटन की प्रक्रिया तेज होगी। सभी योग्य मिलों में धान का भंडारण और मिलिंग किया जाएगा, और मार्च 2025 तक मिलर्स को तयशुदा चावल की डिलीवरी करनी होगी।

औद्योगिक विकास के लिए बड़ी राहत

औद्योगिक विकास को गति देने के उद्देश्य से कैबिनेट ने पर्यावरणीय क्लीयरेंस शुल्क में बड़ी छूट दी है। नई व्यवस्था के अनुसार, 5 करोड़ रुपये तक की परियोजनाओं पर अब केवल 25,000 रुपये का शुल्क लगेगा, जबकि 1000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं पर 75 लाख रुपये का शुल्क लगेगा। इसका उद्देश्य राज्य में उद्योगों को आकर्षित करना और नई परियोजनाओं को प्रोत्साहित करना है।

बांध सुधार परियोजना: 281 करोड़ की महत्वाकांक्षी योजना

राज्य में बांधों की सुरक्षा और मजबूती बढ़ाने के लिए कैबिनेट ने 281 करोड़ रुपये की बांध पुनर्वास और सुधार परियोजना को मंजूरी दी। इस परियोजना का क्रियान्वयन विश्व बैंक के सहयोग से किया जाएगा। परियोजना के तहत, राज्य के विभिन्न बांधों की मरम्मत और सुरक्षा उपायों को मजबूत किया जाएगा। कुल परियोजना लागत का 70% हिस्सा, यानी 196.7 करोड़ रुपये, विश्व बैंक से लोन के रूप में मिलेगा, जबकि शेष 30%, यानी 84.3 करोड़ रुपये, राज्य सरकार द्वारा बजट के जरिए प्रदान किए जाएंगे।

किसानों को मिलेगा मालिकाना हक: नई भूमि सुधार योजना

कैबिनेट ने एक और बड़ा फैसला लिया, जिससे लंबे समय से भूमि पर कब्जा करने वाले गरीब किसानों को मालिकाना हक मिलने का रास्ता साफ हो गया है। पंजाब भोंडेदार, बुटेमार, दहलीदार, और अन्य किसानों को अब उनके जमीन पर अधिकार मिलेंगे। ये किसान वर्षों से छोटी जमीनों पर खेती कर रहे हैं लेकिन अब तक उन्हें मालिकाना हक नहीं मिला था। इस फैसले के बाद, वे बैंकों से फसल ऋण लेने और प्राकृतिक आपदा से राहत पाने के योग्य हो जाएंगे।

सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण हटाने और नियमित करने के लिए नीति

सरकारी संस्थानों जैसे स्कूल, अस्पताल, पुलिस स्टेशन आदि द्वारा सार्वजनिक भूमि पर किए गए अतिक्रमण को हटाने या नियमित करने के लिए भी कैबिनेट ने एक नई नीति की मंजूरी दी है। इससे सरकारी विभागों और स्थानीय निकायों के बीच भूमि विवादों का समाधान होगा।

एनसीसी को मिलेगी नई ताकत, 166 पद होंगे भरे

कैबिनेट ने एनसीसी की गतिविधियों को और प्रभावी बनाने के लिए 166 नए पदों को आउटसोर्सिंग के माध्यम से भरने की मंजूरी दी है। इस निर्णय से एनसीसी इकाइयों की कार्यप्रणाली में सुधार होगा और राज्य में एनसीसी कैडेटों की संख्या में भी वृद्धि होगी।

पुलिस विभाग में स्टेनोग्राफी कैडर का पुनर्गठन

पंजाब सरकार ने पुलिस विभाग के स्टेनोग्राफी कैडर को भी पुनर्गठित करने का निर्णय लिया है। कैबिनेट ने 10 वरिष्ठ पदों को खत्म कर 10 निजी सचिव और निजी सहायक पदों का सृजन किया है। इस कदम से विभाग के प्रशासनिक कार्यों में तेजी आएगी और कामकाज अधिक सुचारू रूप से चलेगा, जबकि राज्य के खजाने पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा।

आईटीआई में क्राफ्ट इंस्ट्रक्टर की योग्यता में सुधार

औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में क्राफ्ट इंस्ट्रक्टर की शैक्षणिक योग्यता में भी संशोधन किया गया है, जिससे संस्थानों में बेहतर प्रशिक्षक नियुक्त हो सकें। यह कदम राज्य के युवाओं को बेहतर प्रशिक्षण प्रदान करने और रोजगार के नए अवसर खोलने के लिए उठाया गया है। इस बदलाव से युवाओं को उद्योगों में नई नौकरियों के लिए बेहतर प्रशिक्षण प्राप्त करने का मौका मिलेगा, जिससे उनका भविष्य उज्जवल होगा।

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