लुधियानाः समराला में इंसानियत शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। जहां थाना समराला के कटानी इलाके में कलयुगी मां ने बच्ची को 9 महीनों तक अपने पेट में रखा। लेकिन अब बच्ची को जन्म देने के बाद उसे कपड़े में लपेट फैक्ट्री की दीवार पर मां-बाप नेलावारिस छोड़ दिया और मौके से फरार हो गए। वहीं बच्ची को रोते देख पास ही रहने वाली प्रवासी महिला ने उसे सिविल अस्पताल पहुंचाया। वहां उस समय माहौल भावुक हो गया जब एक बेऔलाद स्टाफ नर्स ने बच्ची को गोद लेने का फैसला लिया। मामले की जानकारी देते हुए अरुणा देवी ने बताया कि वह कटानी के पास फैक्ट्री में काम करती हैं और वह पास ही में परिवार समेत रहती हैं।
महिला ने कहा कि सुबह उठकर उसने बेटे को दातुन लाने के लिए बोला तो उसके बेटे ने कहा कि दीवार पर कोई बच्चा पड़ा है। उसने सोचा कि किसी पंछी का बच्चा होगा। जब उसका बेटा गोद में किसी बच्चे को लेकर उसके पास आया तो वह हैरान रह गई। बच्ची को रोते देख वे तुरंत समराला के सिविल अस्पताल पहुंचे। वहां डाक्टरों ने बच्ची की हालत को भांपते हुए उसे चिल्ड्रन वार्ड में भर्ती किया। सिविल अस्पताल में इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डा. रमन ने कहा कि बच्ची 8 महीने की है। समय से पहले डिलीवरी हुई है।
बच्ची का नाड़ू भी नहीं काटा हुआ था। फिलहाल कुछ दिन बच्ची को डाक्टरों की निगरानी में चिल्ड्रन वार्ड में रखा जाएगा। बिल्कुल ठीक होने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों की हिदायत मुताबिक कार्रवाई होगी। एक तरफ वो मां जिसने बच्ची को जन्म दिया, इसे लावारिस छोड़ गई वहीं दूसरी तरफ अस्पताल स्टाफ नर्स जिसने बच्ची को गोद लेने का फैसला लिया। उसकी आंखों से खुशी के आंसू बहने लगे। स्टाफ नर्स सरबजीत कौर ने कहा कि उनका कोई बच्चा नहीं है। करीब 20 सालों से वे बच्चे की ख्वाहिश लेकर जीवन व्यतीत कर रही है। आज भगवान ने उसे बच्चा दिया है, जिसे वे गोद लेगी और उसका पालण पोषण करेगी।
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