पठानकोट/अनमोलः राखी का त्यौहार हर एक भाई बहन के लिए बड़ा एहम त्यौहार है। जिसमें हर बहन चाहे कही भी हो अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने जरूर आती है, लेकिन हमारे देश की सरहदों पर सुरक्षा कर रहे फौजी भाई अपनी कड़ी ड्यूटी के चलते अपनी बहनों से कोसो दूर है। जिस कारण फौजी भाइयों को उनकी अपनी बहनों की कमी महसूस न हो इसके चलते भारत पाक सीमा की जीरो लाइन पर बसे सिंबल स्कोल गांव के शहिद कंवलजीत सिंह पोस्ट पर महिलाओं ने फौजी भाइयो को राखी बांधकर उन्हें अपनी बहनों की कमी महसूस नहीं होने दी, वहीं शहीद परिवार सुरक्षा परिषद की और से भी अपने साथियों सहित 1971 की जंग में शहीद हुए वायरलेस ऑपरेटर कवलजीत के स्मारक पर भी राखी बांध उसकी बहन द्वारा कई साल पहले शुरू की गई। स्मारक पर राखी बांधने की परम्परा शहीद की बहन की मौत के बाद भी जारी रखा। जिसके चलते राखी बांधने आई महिलाओं ने जहां फौजी भाइयों को राखी बांधकर अपनी खुशी का प्रगटावा किया, वहीं शहीद के स्मारक पर भी राखी बांधी।
इस बारे में बात करते हुए मध्यप्रदेश से राखी बांधने आई हुई महिलाओ ने नम आँखों से कहा कि आज वो जहां आकर बहुत खुश है। उन्होंने अपने फौजी भाइयों को जहां राखी बंधी उसी के साथ ही साथ उस परम्परा को भी जारी रखा जो 1971 की इंडो पाक जंग में शहीद हुए कवलजीत की बहन द्वारा उसके स्मारक पर शुरु की गई थी। आज उन्हें स्मारक पर राखी बांधकर बहुत ख़ुशी हुई है।
शहिद कंवलजीत के स्मारक पर विशेष तौर पर एनआरआई भाई भी राखी के इस पॉवन त्यौहार पर पहुंचे, जहां शाहिद कंवलजीत को श्रद्धांजलि दी। वहीं उसके स्मारक पर राखी भी बांधी गई। इंडो पाक सिमा पर स्थित भारतीय पोस्ट कंवलजीत सिंह पर 1971 की जंग में शहीद हुए कवलजीत जिसकी बहन उसकी शहादत के बाद राखी बांधने के लिए उसके स्मारक पर आती थी, लेकिन अब उसकी मौत होने के बाद स्थानीय निवासियों की और से फौजी भाइयों को राखी बांधने और स्मारक पर भी राखी बांध कर इस परम्परा को जारी रखा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश से विशेष तौर पर पहुंची है।