फाजिल्का: सीमावर्ती गांवों में बाढ़ का पानी घुसने से लोगों को घर गिरने का डर सता रहा है। गांव दोना नानका और आस पास की ढाणियां पर दो दर्जन से भी अधिक घरों में पानी घुस चुका है। प्रशासन की मदद न मिलने पर कुछ लोग अपने घरों की छतों पर बोरियों की तिरपाल का तंबू बनाकर सामान रख रहे हैं। इस बारे में करनैल सिंह और मीतो बाई ने बताया कि उनके कमरों में करीब 3 फीट तक पानी भर गया है। वे लोग अपने घरों से अपना कीमती सामान निकालकर छतों के ऊपर रखकर बैठे हैं। प्रशासन द्वारा उन्हें कोई मदद नहीं दी जा रही है। जिसके चलते उन्होंने खुद से जोड़ तोड़ लगाकर तिरपाल बनाई है। जिसका तम्बू बनाकर उसके नीचे अपना सामान रख कर बैठे हैं।


वहीं, मंगल सिंह, शिंगारा सिंह, महिंदर सिंह निवासी ढाणी सुरजीत सिंह ने बताया कि उनके घरों में भी पानी भर जाने से वे लोग दिन रात बड़ी मुश्किल से गुजार रहे हैं। कभी उन्हें पानी से किसी जहरीले कीट से खतरा बना रहता है तो कभी पानी से उनके घर के टूटने का खतरा बना रहता है। इसी बेचैनी के चलते वे लोग दिन रात जागकर काट रहे हैं।


उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा केवल अपनी वाहवाही के लिए फोटो खिंचाए जा रहे हैं, लेकिन असलियत में अभी तक उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही। जिसके चलते वे खुद ही अपने रहने और खाने पीने का बंदोबस्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे लोग रूखी सूखी खाकर गुजारा करने को मजबूर है। साथ ही उनके पशुओं के लिए भी हरे चारे का कोई बंदोबस्त नहीं किया गया है। उन्होंने सरकार से उनके खाने पीने के प्रबंध के अलावा पशुओं के लिए हरे चारे का प्रबंध किए जाने की मांग की है। इसके अलावा उनकी फसलों और मकानों के होने वाले नुकसान के लिए भी मुआवजे की मांग की है।