पहली बार किसी महिला को हुई फांसी की सजा
लुधियानाः शिमलापुरी में 2021 में ढाई साल की बच्ची दिलरोज को जिंदा दफनाने के मामले में आज कोर्ट में आरोपी नीलम को पेश किया गया। जहां सेशन जज मुनीष सिंघल की अदालत में आरोपी नीलम को फांसी की सजा सुनाई गई। लुधियाना कोर्ट में पहली बार हुआ है कि किसी महिला को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई हो। वहीं इस मामले को लेकर कोर्ट से बाहर आते ही बच्ची के पिता रोने लगे और बाहर आकर जज, वकील और जनता का धन्यावाद किया। महिला को फांसी की सजा मिलने के मामले में मीडिया से बात करते हुए दिलरोज के पिता सभी का धन्यावाद करते हुए रोने लगे। वहीं इस मामले को लेकर वकील का बयान सामने आया है। वकील ने कहा कि उन्होंने सच को कोर्टे में पेश किया। जिसके बाद आज बीडी गुप्ता ने उनकी काफी मदद की। वकील ने कहाकि यह केस पूरी दुनियां के लिए एक मिसाल बन गया। इस दौरान कोर्ट से महिला को फांसी की सजा मिलने को लेकर वकील ने मीडिया और जनता का आभार व्यक्त किया।
बता दें कि शुक्रवार को अदालत ने उसे दोषी ठहराया दिया था और फैसले को सुरक्षित रख लिया था। जिसके बाद सोमवार और मंगलवार को किसी कारणों के चलते आरोपी नीलम को सजा नहीं सुनाई गई थी। वहीं कोर्ट में सजा 2 दिन लंबित होने पर दिलरोज की मां मंगलवार को कोर्ट के बाहर रोती रही। इस दौरान महिला ने कहा कि उनकी बच्ची को तो 5 मिनट में मार डाला लेकिन अब क़ातिल को सजा देने में इतना टाइम लगाया जा रहा है। उन्होंने क़ातिल नीलम को फांसी की सजा देने की मांग की थी। वहीं दिलरोज के पिता हरप्रीत सिंह ने कहा कि वह अपने बच्चों के लिए बाजार से खिलौने वह चीज लेकर आता रहता था। नीलम को यह बात पसंद नहीं थी। यही कारण है उसने दिलरोज को मौत के घाट उतार दिया। हालांकि पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, नीलम के मन में बच्ची के परिवार के प्रति गहरी दुश्मनी थी। इसके कारण उसने यह जघन्य अपराध किया। नीलम ने हत्या की सावधनीपूर्वक योजना बनाई और उसे अंजाम दिया। मासूम बच्ची को जिंदा दफना दिया और घर लौटकर संदेह से बचने के लिए सामान्य व्यवहार किया।
जब बच्ची के परिवार को उसके अपहरण की जानकारी हुई तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी। उस समय के जॉइंट सीपी सिटी जे एलनचेजियन जांच के लिए मौके पर पहुंचे। इलाके में सीसीटीवी कैमरे चेक करने के बाद नीलम को राउंड-अप कर लिया था। पूछताछ के दौरान उसने अपराध स्वीकार कर लिया। हैरत की बात है कि शातिर महिला नीलम खुद ही परिवार के साथ मिलकर बच्ची की तालाश करने लगी। नीलम ने पुलिस को बताया कि वह दिलरोज को एल्डिको के नजदीक खाली जगह पर ले गई। वहां उसने गड्ढे में उसे जिंदा दफन किया। नीलम के इस खुलासे के बाद पुलिस और परिवार उस जगह पहुंचे और बच्ची को गड्ढे से बरामद किया। बच्ची को तुरंत डीएमसी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था।
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