फाजिल्का: जिले की तहसील अबोहर के गांव मलूकपुरा में आज सुबह मलूकपूरा माइनर में 200 फुट का कटाव आ जाने के कारण कुछ ही समय में हजारों एकड़ फसलें जलमग्न हो गई। बताया जा रहा है कि पिछले 5 घंटे से लगातार पानी तेजी के साथ फसलों से होते हुए गांव के घरों की तरफ बढ़ रहा है। उधर सूचना मिलते ही नेहरी विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे लेकिन उनका कहना है कि कटाव इतना बड़ा है कि पानी का लेवल कम होने के बाद ही इसे ठीक किया जा सकता है। फिलहाल पीछे से पानी की सप्लाई कम कर दी गई है, लेकिन इसके बावजूद बारिश के चलते पानी का बहाव काफी तेज है।
मलूकपुरा माइनर में सीतो गुन्नो रोड पर टोल प्लाजा के निकट रविवार अल सुबह नहर टूट गई। जिससे आसपास के खेतों में पानी भर गया। उधर, किसानों का अारोप है कि नहर टूटने की सूचना सुबह पांच बजे के करीब नहरी विभाग के अधिकारियों को दे दी गई लेकिन नहर टूटने के तीन घंटे बाद तक नहरी विभाग का कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा।
किसानों ने नहर के कटाव को ज्यादा बढ़ने से रोकने के लिए खुद प्रयास किए व इसके लिए वृक्षों की टाहनियों को काट कर नहर में फेंका लेकिन कटाव बड़ा होने के कारण पानी का बहाव नहीं रुक पाया। उधर, भारतीय किसान यूनियन खोसा के प्रांतीय सदस्य गुणवंत सिंह ने नहर टूटने का कारण नहरी विभाग के अधिकारियों की लापरवाहीं को बताया है। उन्होंने कहा कि जहां बारिश होने के कारण पानी का बहाव पीछे से ज्यादा आ रहा है तो वहीं नहरी विभाग के अधिकारियों ने पानी नहर में ज्यादा छोड़ दिया जिस कारण नहर टूटी। गांव केराखेडा के सरपंच राम कुमार ने बताया कि नहर में करीब 200 फुट का कटाव आया है आसपास की सैंकडों एकड़ खेतों में पानी भर गया है, जिससे नरमे की फसल को भारी नुकसान होगा। गुणवंत सिंह ने कहा कि नहर टूटने के कारण जहां नरमे की फसल नष्ट होने से किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा वहीं अब नहर की मुरम्मत में काफी समय लग जाएगा, जिससे बागों की फसल को पानी न लग पाने के कारण बाग सूख जाएंगे।
इस नहर के टूटने से कई गांवों को नुकसान होगा। नहर टूटने की सूचना मिलने पर डिप्टी कमिश्नर डा. सेनू दुग्गल हालात का जायजा लेने पहुंच रहे है। जबकि उन्होंने पहले ही नेहरी विभाग को आदेश जारी कर दी है कि जल्द से जल्द पानी की सप्लाई पीछे से रोककर कटाव को भरने के प्रयास किए जाएं। साथ ही पानी की निकासी तेजी के साथ करने के लिए भी आदेश जारी किए गए हैं।