परेशान व्यापारियों ने बुलाई बैठक, जानें क्या होगी अगली किसानों की रणनीति
चंडीगढ़ः संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान-मजदूर मोर्चा के आह्वान पर किसान 11 दिनों से पंजाब के शंभू रेलवे स्टेशन के ट्रैक पर डेरा लगाकर बैठे हुए हैं। किसानों का सरकार को दिया अल्टीमेटम आज खत्म हो रहा है। जींद के खटकड़ गांव में हुई महापंचायत में किसान संगठनों ने हरियाणा सरकार को 27 अप्रैल तक का अल्टीमेटम दिया था। हालांकि, किसान पहले भी 4 बार अल्टीमेटम दे चुके हैं,लेकिन सरकार की तरफ से कोई संज्ञान नहीं लिया गया।
वहीं युवा किसान नेता नवदीप सिंह समेत 3 किसानों की रिहाई न होने तक प्रदर्शनकारियों ने आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया हुआ है। दूसरी ओर शंभू बॉर्डर बंद होने की वजह से अंबाला के व्यापारियों को भी खासा नुकसान झेलना पड़ रहा है। इसी सिलसिले में आज व्यापारियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है। दरअसल, किसान आंदोलन के चलते रेलवे पर असर पड़ रहा है। रेलवे ने 28 अप्रैल तक 73 ट्रेनों को कैंसिल किया है।
यही नहीं, कई अन्य ट्रेनों के रूट डायवर्ट किए तो कई ट्रेनों का शॉट टर्मिनेट करना पड़ा। वहीं किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि 22 मई को मोर्चे को 100 दिन होंगे। उस दिन 22 मई को शंभू, खनौरी और डबवाली बॉर्डर पर लाखों की संख्या में किसान एकजुट होंगे। हरियाणा,पंजाब, हिमाचल और यूपी के किसानों से अभी से तैयारी करने की अपील की है। पंधेर ने कहा कि 1 मई को बॉर्डर पर मजदूर दिवस मनाया जाएगा।
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