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पंजाबः सरकार ने NRI पंजाबियों को लेकर अधिकारियों को दिए ये निर्देश

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चंडीगढ़ः मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने साल 2022 के दौरान प्रवासी पंजाबियों के अलग-अलग मामलों को हल करने के लिए ठोस कदम उठाए हैं, जिससे प्रवासी पंजाबियों को राहत मिली है। पंजाब के प्रवासी भारतीय मामलों से सम्बन्धित मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि एनआरआई पंजाबियों के मसलों और शिकायतों को जल्दी और तसल्लीबख़्श ढंग से हल करने के लिए जालंधर, एसएएस नगर, लुधियाना, मोगा और अमृतसर में क्रमवार 16, 19, 23, 26 और 30 दसबंर को ‘एनआरआई पंजाबियों के साथ मिलनी’ प्रोग्राम किये, जिस दौरान प्रवासी पंजाबियों के मसले तुरंत हल करने के लिए सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए और बकाया मुद्दों को निर्धारित समय-सीमा के अंतर्गत हल करने के लिए कहा।  

धालीवाल ने बताया कि 15 एनआरआई पुलिस थानों को अपग्रेड करने के लिए प्रति थाना 2 लाख रुपए और कुल 30 लाख रुपए जल्दी ही जारी किये गए, जिससे वहाँ बुनियादी सुविधाओं में सुधार किया जा सके। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही पंजाब में प्रवासी पंजाबी भारतियों के मसलों के तुरंत निपटारे के लिए जल्द ही फास्ट ट्रैक अदालदतें स्थापित की जाएंगी। कैबिनेट मंत्री ने बताया कि जिलों में प्रवासी पंजाबियों की शिकायतों के निपटारे के लिए पीसीएस स्तर के अधिकारी नोडल अफ़सर के तौर पर तैनात करने का फ़ैसला भी किया गया, जिससे संबंधित मसलों और शिकायतों को जि़ला प्रशासन के सहयोग से जल्द से जल्द हल किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रवासियों पंजाबियों के राज्य के मसलों को निपटारे के लिए पूरी तरह से गंभीर है और इनसे सम्बन्धित कोई भी विशेष केस सामने आने पर सम्बन्धित डिप्टी कमिश्नर और एस.एस.पी के साथ तालमेल करने की हिदायतें जारी की गईं।  

धालीवाल ने बताया कि एनआरआई पंजाबी, जो बाहर के मुल्कों के नागरिक बन चुके हैं, को पंजाब में कृषि ज़मीनें खरीदने का अधिकार देने के लिए केंद्र के समक्ष मुद्दा उठाया जायेगा। उन्होंने सवाल उठाया कि जब एक प्रवासी पंजाबी अपनी पंजाब की ज़मीन बेच सकता है तो वह ज़मीन खरीद क्यों नहीं सकता। उन्होंने कहा कि एनआरआईज के 50 प्रतिशत मामले विवाहों से, जबकि 20 प्रतिशत मामले ज़मीनों से सम्बन्धित हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार पंजाब की आर्थिकता में सुधार करने के लिए एन.आर.आईज़ को प्रोत्साहित कर रही है और उनके अधिकारों के लिए पंजाब सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा अपने मूल से जुड़ा व्यक्ति अपने मूल राज्य और देश की तरक्की में योगदान दे सकता है।  

धालीवाल ने आगे बताया कि विभाग ने पंजाब के विकास में प्रवासी पंजाबियों/ भारतीयों की भागीदारी को प्रोत्साहित करने और पंजाब में उनकी जड़ें और मातृभूमि के पोषण करने के लिए ‘‘अपनी जड़ों के साथ जुड़ो’’ स्कीम शुरू की है। इस स्कीम के अंतर्गत 16 से 22 साल की उम्र के नौजवानों को पंजाब आकर अपने वतन के साथ जुडऩे और यहाँ के सभ्याचार से जुड़े रहने के लिए प्रेरित किया जाता है। उन्होंने बताया कि प्रवासी भारतियों को अपने-अपने गाँवों में बुनियादी ढांचे के विकास में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। प्रवासी पंजाबी किसी भी बुनियादी ढांचे के निर्माण में 50 प्रतिशत योगदान दे सकते हैं, जैसे कि स्कूलों की इमारतें, कम्युनिटी सेवाओं, अस्पताल, पुस्तकालय, पीने वाला पानी, सीवरेज, पखाने, स्ट्रीट लाईट, खेल स्टेडियम और अन्य प्रोजेक्टों और बाकी का 50 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा ख़र्च किया जाता है।  

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