Highlights:
- पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में 68% की कमी दर्ज
- किसानों ने 14,000 से ज्यादा CRM मशीनें खरीदीं
- सरकार द्वारा 21,958 मशीनों की मंजूरी, सब्सिडी का लाभ
चंडीगढ़, 4 नवंबर 2024 – पंजाब के किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन (CRM) मशीनों के माध्यम से आधुनिक कृषि तकनीक से जोड़ने के उद्देश्य से, पंजाब कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने अब तक 21,958 CRM मशीनों को मंजूरी दी है। इस वर्ष के दौरान किसानों ने 14,587 मशीनें प्राप्त कर ली हैं। 2018 से अब तक 1.45 लाख से अधिक मशीनें किसानों को वितरित की जा चुकी हैं, जो राज्य के प्रदूषण नियंत्रण के प्रयासों को मजबूती प्रदान कर रही हैं।
पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुधियान ने जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष सुपर सीडर मशीन किसानों के बीच सबसे लोकप्रिय रही है। अब तक 9,010 सुपर सीडर मशीनें खरीदी गई हैं, इसके बाद 1,383 जीरो टिल ड्रिल, 627 RMB हल, 595 बेलर और 590 रेक मशीनें खरीदी गई हैं। किसानों की सुविधा के लिए राज्य में 620 ग्राहक केंद्र (Customer Hiring Centres) भी स्थापित किए गए हैं, जो विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों को मशीनरी किराए पर उपलब्ध कराते हैं।
पराली जलाने में 68% की गिरावट, पर्यावरण के लिए राहत
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार के इन ठोस प्रयासों के परिणामस्वरूप पराली जलाने की घटनाओं में इस वर्ष अब तक 68% की गिरावट दर्ज की गई है। 3 नवंबर तक, राज्य में कुल 4,132 खेत में आग की घटनाएं रिपोर्ट की गईं, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह संख्या 12,813 थी। यह गिरावट सरकार और किसानों के सामूहिक प्रयासों का प्रमाण है, जो पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
सब्सिडी से किसानों को लाभ
पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहित करते हुए सरकार ने किसानों को CRM उपकरणों पर सब्सिडी प्रदान की है। व्यक्तिगत किसान CRM उपकरणों की कीमत पर 50% तक की सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं, जबकि सहकारी समितियों, किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) और पंचायतों के लिए 80% सब्सिडी उपलब्ध है, जो कि अधिकतम सीमा तक सीमित है। कृषि मंत्री खुधियान ने किसानों से पराली जलाने से बचने की अपील की, ताकि पर्यावरण प्रदूषण से मुक्त रहे और उनके द्वारा किया गया यह प्रयास समाज और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्थायी समाधान का रूप ले सके।
किसानों और सरकार के प्रयासों की सफलता
पंजाब में पराली जलाना एक लंबे समय से चुनौतीपूर्ण मुद्दा रहा है। पराली जलाने से निकलने वाले धुएं से दिल्ली सहित उत्तर भारत में वायु प्रदूषण की समस्या गहरी हो जाती है। इसे नियंत्रित करने के लिए पंजाब सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। कृषि विभाग के अनुसार, CRM मशीनों के वितरण में तेजी लाई गई है और छोटे किसानों को प्रोत्साहन देने के लिए सब्सिडी और किराए पर मशीनरी की उपलब्धता को प्राथमिकता दी गई है।
इस वर्ष पराली जलाने की घटनाओं में आई गिरावट एक सकारात्मक संकेत है कि किसानों और सरकार के बीच सामंजस्य से पर्यावरण की रक्षा की जा सकती है। किसानों के सहयोग और सरकार के सक्रिय प्रयासों से यह संभव हुआ है कि इस वर्ष राज्य में प्रदूषण के स्तर में कमी आई है।
पराली जलाने के खिलाफ जन जागरूकता अभियान
पंजाब सरकार न केवल CRM मशीनों के वितरण पर ध्यान दे रही है, बल्कि जन जागरूकता अभियान भी चला रही है, जिसमें किसानों को पराली जलाने के विकल्पों के बारे में जानकारी दी जा रही है। सरकार के सहयोग से विभिन्न पंचायतों में वर्कशॉप और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिससे किसानों में फसल अवशेष प्रबंधन के प्रति जागरूकता बढ़ी है।
पराली जलाने के पारंपरिक तरीके से किसानों को न केवल पर्यावरणीय नुकसान का सामना करना पड़ता था, बल्कि मिट्टी की उर्वरता भी घटती थी। नई तकनीकों और CRM मशीनों के उपयोग से न केवल मिट्टी की सेहत बेहतर होगी, बल्कि किसानों को अगले सीजन की खेती के लिए उपजाऊ जमीन भी प्राप्त होगी।
