चंडीगढ़: वर्ष 2025 के दौरान पंजाब ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की है। भारत सरकार के आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा कराए गए स्वच्छ सर्वेक्षण में नगर निगम बठिंडा को स्वच्छ शहर का पुरस्कार मिला है। इसके अलावा राज्य की 25 यूएलबी को कूड़ा मुक्त स्टार-1, एक यूएलबी को स्टार-3, 46 यूएलबी को वाटर+, 53 को ओडीएफ++, 43 को ओडीएफ+ और 22 यूएलबी को ओडीएफ प्रमाणन प्राप्त हुआ है।
स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. रवजोत सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में राज्य सरकार ने विरासत ठोस कचरे के निपटारे पर विशेष ध्यान दिया है। 131 यूएलबी में कुल 84.09 लाख मीट्रिक टन पुराने कचरे में से 40.78 लाख मीट्रिक टन का निपटारा किया जा चुका है, जबकि शेष कचरे को अप्रैल 2027 तक निपटाने की योजना है। इसके साथ ही घर-घर कचरा संग्रहण, स्रोत पर पृथक्करण और प्रोसेसिंग को सशक्त किया गया है, जिससे 81 प्रतिशत गीले कचरे का वैज्ञानिक तरीके से निपटान हो रहा है।

डॉ. रवजोत सिंह ने बताया कि स्मार्ट सिटी मिशन के तहत लुधियाना, अमृतसर, जालंधर और सुल्तानपुर लोधी में कई परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और अन्य पर कार्य जारी है। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अमृतसर में 1200 डीजल ऑटो को ई-ऑटो से बदला गया है, वहीं बड़े शहरों में 447 ई-बसें खरीदी जा रही हैं। इसके अलावा डोर-स्टेप सेवाओं की शुरुआत, जल-सीवरेज नेटवर्क का डिजिटलीकरण और बुनियादी ढांचे के विकास से शहरी सेवाओं में व्यापक सुधार हुआ है।