बठिंडाः देश को आजाद हुए लगभग 75 साल हो गए हैं, लेकिन पंजाब का एक गांव जो बुनियादी सुविधाओं से वंचित है और आज भी विकास कार्यों के लिए संघर्ष की राह पर है। बठिंडे जिले के रामगढ़ भुंदर गांव के निवासियों ने 2024 के लोकसभा चुनावों का बहिष्कार करने की घोषणा की है और इस संबंध में राजनेताओं ने गांव में बड़े झंडे लगाकर 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए स्वतंत्र उम्मीदवारों और उम्मीदवारों का बहिष्कार करने की घोषणा की है। ग्रामीणों का कहना है कि देश की आजादी को भले ही 75 वर्ष से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन आज भी वे नरक का जीवन जीने को मजबूर हैं।
क्योंकि उनके गांव के बीच में बने गंदे छप्पड़ से पूरे गांव का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। छप्पड़ से आने वाली दुर्गंध से सभी ग्रामीण परेशान हैं। साथ ही भूमिगत जल के खारा होने के कारण ग्रामीणों को दूर-दूर से स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था करनी पड़ती है। लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा कि है कि गांव में नशे की लत बड़े स्तर पर है और अगर शिक्षा की बात करें तो इस गांव में 8वीं कक्षा तक का स्कूल है। 8वीं कक्षा के बाद गांव के बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए दूसरे गांवों में जाना पड़ता है। जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
हालांकि हर बार लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान नेता उनसे वादे तो करते हैं, लेकिन इस वादे को पूरा नहीं करते, जिससे ग्रामीण परेशान हैं। बातचीत के दौरान ग्रामीणों ने कहा कि अगर कोई भी राजनीतिक दल से जुड़ा प्रत्याशी या निर्दलीय प्रत्याशी उनके गांव में वोट मांगने आएगा तो उसका शांतिपूर्वक विरोध किया जाएगा और पूरे गांव ने शांतिपूर्वक 2024 के लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। कोई भी ग्रामीण वोट डालने नहीं जायेगा, साथ ही वे अपने गांव में किसी भी राजनीतिक दल का बूथ नहीं लगने देंगे।
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