पठानकोट : पहाड़ी क्षेत्र धार ब्लॉक की खूबसूरती के तो सभी दीवाने है। सरकार इस क्षेत्र को टूरिज्म स्थल के तौर पर डेवलप कर रही है। परंतु झील के किनारे बसे गांव की सच्चाई देखने हम निकले तो पाया कि गांव में तो पीने के पानी की ही किल्लत है। लोगों की प्यास बुझाने को सरकारी योजनाएं काफी नही है। घरों में पीने के पानी की सप्लाई केवल डेढ़ घंटा आती है जो झील से लिफ्ट करके और फिल्टर करके लोगों को दिया जाता है।
वीडियो देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
अब रोजाना तूफान चलने का सीजन है और तूफान चलने के बाद बिजली सप्लाई ठप्प हो जाती है, जो कई घंटे तक नहीं आती। लोगों के मुताबिक कई बार तो 2-2 दिन भी बिजली नहीं आती। जब बिजली नहीं आती है तो पानी भी नहीं मिलता है। क्योंकि फिल्ट्रेशन प्लांट बिना बिजली के काम नहीं करते है, तो कई-कई दिन तक लोग गांव में पुराने बने कुएं और बोलियां पर निर्भर रहते है। ज्यादातर गांव झील के किनारे है। लेकिन फिर भी लोग प्यासे है।
गांव के लोगों से जब हमने बातचीत की तो उन्होंने बताया कि पानी कैसे आएगा। जब कई-कई दिन बिजली ही नहीं आती है और कोई सुनने वाला नहीं है, पीने के पानी के लिए लोग गांव में बने कुओं पर निर्भर है। झील के किनारे बसे गांव की समस्या के बारे में डिप्टी कमिश्नर पठानकोट से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि इस समस्या का समाधान जरुर निकाला जाएगा।
Disclaimer: All news on Encounter India are computer generated and provided by third party sources, so read carefully and Encounter India will not be responsible for any issue.