डेराबस्सीः सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील में मौसमी फल देने के फैसले से टीचरों में भगदड़ मच गई। दरअसल, एक तरफ पेपर का सेशन चल रहा है तो दूसरी तरफ मास्टर मिड डे मील के लिए फल ला रहे हैं। ऐसी ही एक डेराबस्सी से एक तस्वीर सामने आई है। जिसमें सरकारी एलीमेंट्री स्कूल के स्टाफ और टीचर अपने विद्यार्थियों के लिए किन्नू लेकर जा रहे हैं। दरअसल, मामला यह है कि स्कूल के लिए आए कीनू के क्रेट 20 किलोमीटर दूर उतार दिए गए, जिसकों लेकर टीचर में भगदड़ मच गई। दरअसल, डेराबस्सी के लालड़ू और हंडेसरा इलाके के एलीमेंट्री स्कूलों के छात्रों के लिए कीनू से भरा एक कैंटर पहुंचा है। जिसको लेकर एक ओर टीचरों के पेपरों की टेशन और दूसरा 20 किमी दूर उतारे गए किन्नू की टेशन में टीचर परेशान हो रहे है।
20 किमी की दूरी तय करने के बाद टीचर अपने तरीके से कैंटर तक कीनू लेने पहुंचे। इस दौरान टीचरों ने अपने स्कूल के विद्यार्थियों के हिसाब से किन्नू की गिनती की और उन्हें अपने वाहनों में खुद लेकर आए। इस संबंध में डिप्टी डीईओ एलीमेंट्री मोहाली परविंदर कौर ने कहा कि सरकार ने ट्रांसपोर्ट को यह काम सौंपा है। इन फलों को हर केंद्रीय स्तर पर पहुंचाया जाना है। लेकिन ट्रांसपोर्ट ने किन्नू को लालाड़ केंद्र पर ही छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि ट्रांसपोर्ट से पूछताछ की जाएगी। सरकार ने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए किन्नू की खरीद की है, ताकि उन्हें आर्थिक मदद मिल सके।