संगरूरः पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटों पर जल्द ही तस्वीर लगभग साफ हो गई है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने अभी 4 सीटों पर उम्मीदवार तय नहीं किए हैं। दरअसल, आनंदपुर साहिब, फतेहगढ़ साहिब, फिरोजपुर और संगरूर सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों के नाम फाइनल न होने के चलते पार्टी कार्यकर्ता भी असमंजस में हैं। दूसरी ओर प्रक्रिया बीते दिन से शुरू हो चुकी है और14 जून को नामांकन प्रक्रिया बंद हो जाएगी। वहीं चुनावों को लेकर दूसरे राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रचार तेज कर दिया है। कहा जा रहा है कि भाजपा भी बाकी बची चार सीटों संगरूर, श्री आनंदपुर साहिब, फिरोजपुर व फतेहगढ़ साहिब से टिकटों का एलान जल्द कर सकती है।
जानकारी के अनुसार दावेदारों की रेस में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष समेत पूर्व कैबिनेट मंत्री, पूर्व विधायक के नाम सबसे आगे चल रहे हैं। श्री आनंदपुर साहिब सीट से भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व दो बार सांसद रहे अविनाश राय खन्ना का नाम लगभग तय माना जा रहा है। वहीं, संगरूर हलके से उद्योगपति व पूर्व विधायक अरविंद खन्ना का नाम प्रमुख दावेदार के तौर पर सामने आ रहा हैं। हालांकि, इस सीट से केवल सिंह ढिल्लों भी दावेदारों में शामिल हैं। फिरोजपुर से पूर्व कैबिनेट मंत्री सुरजीत कुमार ज्याणी व कैप्टन सरकार में मंत्री रहे राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी टिकट पाने की दौड़ में हैं। इस सीट से पूर्व कांग्रेसी विधायक रमिंदर आवला को भाजपा में शामिल कराके टिकट देने की भी अटकलें तेज हैं।
बताया जा रहा है कि खुद पंजाब भाजपा प्रधान सुनील जाखड़ यह चाहते हैं। सूत्रों के मुताबिक इसी के चलते फिरोजपुर सीट से टिकट का फैसला होने में देरी हो रही है, जबकि फतेहगढ़ साहिब से लोकसभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर चरनजीत सिंह अटवाल के बेटे व विधायक रहे इंद्र इकबाल सिंह (रिंकू) अटवाल का नाम दावेदारों में आगे चल रहा है। इसके अलावा इस सीट से डॉ. दीपक ज्योति भी दावेदारों में शामिल हैं। वरिष्ठ भाजपा नेता हरजीत सिंह ग्रेवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व अमित शाह के गुजरात में व्यस्त होने के चलते इन सीटों से उम्मीदवारों की घोषणा में देरी हुई है, लेकिन अब जल्द ही टिकटों की घोषणा हो जाएगी।
खन्ना बतौर प्रभारी जेएंडके, पंजाब, राजस्थान, गोवा, त्रिपुरा में में लोकसभा चुनावों का संचालन कर चुके हैं। इस बार के लोकसभा चुनावों में पार्टी उन्हें आनंदपुर साहिब जैसी पंथक सीट से उतार कर अपनी जीत की संभावना को बढ़ाना चाहती है। हालांकि, इस सीट से पूर्व आईपीएस अधिकारी इकबाल सिंह लालपुरा भी दावेदार माने जा रहे हैं। उन्होंने 2012 में भाजपा ज्वाइन की थी और पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग का चेयरमैन बनाया था। संगरूर से भाजपा के प्रमुख दावेदार माने जा रहे उद्योगपति अरविंद खन्ना 2002 में कांग्रेस की टिकट पर संगरूर से चुनाव जीत कर विधायक बने थे। 2004 के लोकसभा चुनावों में भी वह पार्टी के उम्मीदवार थे। हालांकि, उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। बाद में 2022 में खन्ना ने भाजपा जॉइन कर ली थी। संगरूर से केवल सिंह ढिल्लों भी टिकट पाने की होड़ में शामिल हैं। वह बरनाला से कांग्रेस के विधायक रहे हैं। उन्हें भाजपा ने भगवंत मान के विधानसभा चुनाव जीत सीएम बनने के बाद संगरूर के लोकसभा के उपचुनावों में भी उम्मीदवार बनाया था।
दावेदारों में फिरोजपुर से सुरजीत कुमार ज्याणी का नाम सबसे आगे आ रहा है। वह फाजिल्का से तीन बार विधायक रहे हैं। 2012 में पंजाब में अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार में वह सेहत मंत्री भी रहे हैं। उनके अलावा कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले पूर्व कैबिनेट मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी भी टिकट पाने की होड़ में हैं। इस हलके से कांग्रेस के पूर्व विधायक रमिंदर आवला के नाम की भी अटकलें तेज हैं। जाखड़ खुद उन्हें भाजपा में शामिल कराके टिकट देने के चाहवान हैं। उधर, फतेहगढ़ साहिब से लोकसभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर व पंजाब विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष चरनजीत सिंह अटवाल के बेटे पूर्व विधायक इंद्र इकबाल (रिंकू) सिंह अटवाल, डा. दीपक ज्योति का नाम दावेदारों के तौर पर सामने आ रहा है। रिंकू अटवाल भाजपा की टिकट पर जालंधर लोकसभा उपचुनाव भी लड़ चुके हैं।
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