जान बचाने के लिए घरों की छतों पर चढ़े लोग, प्रशासन ने की ये अपील
पठानकोटः पंजाब में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण बांधों का जलस्तर खतरे के निशान की तरफ बढ़ता जा रहा है। इस वजह से भाखड़ा, पौंग, रणजीत सागर डैम से हजारों क्यूसेक पानी रोजाना सतलुज, ब्यास और रावी में छोड़ा जा रहा है। पंजाब के 8 जिलों पठानकोट, कपूरथला, मोगा, तरनतारन, फाजिल्का, फिरोजपुर, अमृतसर और होशियारपुर में हालात खराब होते जा रहे हैं। माधोपुर हेडवर्क्स के सभी गेट खोल दिए गए हैं। पठानकोट में बाढ़ प्रभावित इलाकों में पुलिस गश्त कर रही है। दूसरी ओर एनडीआरएफ टीम के सहयोग से पुलिस द्वारा बचाव अभियान चलाया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि छतों पर फंसे लोगों को हवाई मार्ग से निकालने के प्रयास किए जा सकते है। अधिकारी ने कहा कि बाढ़ की स्थिति को लेकर लोगों के बचाव के लिए कार्य किए जा रहे है। रणजीत सागर डैम की झील का पानी ओवरफ्लो कर रहा है। जिसके चलते पानी को छोड़ना जरूरी हो गया है। वहीं रावी की ओर उज्ज नदी का झलालियां नदी के साथ मिलन हो रहा है। प्रशासन से कहा कि कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए है। दूसरी ओर लगातार हो रही बारिश के कारण लोगों को निकालने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ 2 गांवों के लोग बाढ़ की चपेट में आ गए है और वह अपनी जान बचाने के लिए छतों पर चढ़े हुए है।
अधिकारी ने कहा कि एनडीआरएफ की टीमें लोगों को बचाने के लिए रवाना हो गई है, लेकिन पानी का बहाव काफी तेज है। अधिकारी ने कहा कि बारिश बंद होने के बाद आर्मी की टीम एयरलिफ्टिंग द्वारा रेस्क्यू करके उन्हें बाढ़ ग्रस्त इलाकों से निकाला जाएगा। पुलिस द्वारा लोगों को घरों से बाहर ना निकलने की अपील की जा रही है। उन्होंने कहाकि अगर ज्यादा जरूरत हो तभी लोग घरों से बाहर निकले। दरिया के पास रह रहे गांव वासियों को घरों को छोड़ने की अपील की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा सुरक्षित जगह पर लोगों को पहुंचने की अपील की गई है। प्रशासन द्वारा हैल्पलाइन नंबर भी जारी कर दिए गए हैं।