पठानकोटः राज्य में आई बाढ़ के हालात में जहां एक ओर लोगों के घर ढह गए और घरेलू सामान बह गया है, वहीं दूसरी ओर पठानकोट के किसानों की सैकड़ों एकड़ जमीन इस पानी में बह गई। इस बीच किसान और स्थानीय लोग सरकार की घोषणा का इंतजार कर रहे थे कि कब उनके लिए राहत की खबर आएगी और ऐसे में पिछले मंगलवार को प्रधानमंत्री ने गुरदासपुर के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और उन्होंने किसानों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं के बारे में भी जाना। प्रधानमंत्री के साथ बैठक में पठानकोट जिले के 2 किसान भी शामिल थे जिन्होंने बताया कि उन्हें गर्व है कि उन्हें देश के प्रधानमंत्री से बात करने का अवसर मिला।
प्रधानमंत्री के साथ उनकी बैठक बहुत ही सहज माहौल में शुरू हुई। जब किसानों ने प्रधानमंत्री से हिंदी में बात करने की कोशिश की, तो उन्होंने कहा कि आप अपनी मूल भाषा पंजाबी में बात करें, मैं पंजाबी जानता हूं। किसान शाम सिंह ने कहा कि हमने प्रधानमंत्री को बताया कि नदियों की अनुचित संरचना के कारण उन्हें हर साल नुकसान होता है। वहीं बाढ़ के कारण उनके खेतों में रेत और पत्थर आ गए हैं जिनका मुआवजा देना चाहिए। प्रधानमंत्री ने सारी मांगों को ध्यान से सुना और उन्हें पूरा करने का आश्वासन भी दिया। लौटने के बाद, उन्हें बीएसएफ मुख्यालय से मिलने के लिए फोन आया और जब हम वहां बात करने गए, तो बीएसएफ अधिकारियों ने उन्हें समस्या के शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया।
गांव ढिंडा के सरपंच राजिंदर सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री के साथ बैठक का माहौल बहुत ही सोहार्दपूर्ण था। पहले सारे किसान प्रधानमंत्री से 20 फुट की दूरी पर बैठे थे, लेकिन जैसे ही प्रधानमंत्री मोदी अंदर आए तो उन्होंने कहा कि सभी को इतनी दूर क्यों बैठाया गया है, उन्हें नजदीक बैठाया जाए जिसके बाद सभी उनके बिल्कुल नजदीक आएं, जिसके बाद उन्होंने सभी की बाते ध्यान से सुनी। इस दौरान सरपंच राजिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी से जीरो लाइन पर बसे गांव ढिंडे और भगवालपुर पर बनी धुस्सी बांध से पानी रिहायशी इलाकों में घुसने की समस्या बताई। वहीं इस समस्या के हल का प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया है।