Loading...
- Advertisement -
HomePunjabAmritsarPunjab News: शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का विशेष जनरल इजलास शुरू, रखी...

Punjab News: शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का विशेष जनरल इजलास शुरू, रखी ये मांगे

WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now

अमृतसरः शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से आज विशेष जनरल इजलास रखा गया। जनरल इजलास में रखी गई मांगों को लेकर पत्र सामने आया है। जिसमें कहा गया हैकि सिख धर्म अपने मौलिक इतिहास, सिद्धांतों, मर्यादा और विचारधारा की समृद्धि के कारण दुनिया के धर्मों में विशिष्ट स्थान रखता है। तख़्त साहिबान सिख पंथ की सर्वोच्च संस्थाएं हैं, जो सिख इतिहास, गुरबाणी और गुरमत परंपराओं के अनुसार सिख समुदाय की धार्मिक, पंथिक, नैतिक और आध्यात्मिक नेतृत्व करती हैं।

हर तख़्त साहिब की अपनी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और पंथिक महत्व के साथ-साथ क्षेत्रीय विशेषता सिख मर्यादा का हिस्सा है, लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि सभी तख़्त साहिबान एक ही गुरमर्यादा और गुरु मर्जी के अधीन हैं। छठे पातशाह श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी द्वारा स्थापित प्रभुसत्ता संपन्न संस्था श्री अकाल तख़्त साहिब सिखों के लिए अलौकिक आदेश का स्थान है। यह धर्म के साथ-साथ पंथिक एवं राजनीतिक नेतृत्व के लिए भी मार्ग-दर्शन है। सिख समुदाय के 5 तख़्त साहिबान अपनी-अपनी जगह बड़ी अहमियत रखते हैं, लेकिन श्री अकाल तख़्त साहिब की सर्वोच्चता पंथ द्वारा मान्यता और सम्मानित की जाती है।

सिखों के राष्ट्रीय मामले श्री अकाल तख़्त साहिब पर 5 सिंह साहिबान द्वारा विचार किए जाने और निर्णय लेने का सर्वोत्तम विधान है, लेकिन अन्य तख़्त साहिबान का स्थानीय स्तर पर मामलों का समाधान करना भी सिख रीति-रिवाज की सीमा में अधिकारित है। आज का यह जनरल इजलास राष्ट्रीय इतिहास, मर्यादा परंपराओं और चल रहे विधि विधान की रोशनी में तख़्त साहिबान के सम्मान-सत्कार और अधिकारों का सम्मान करते हुए जथेेदार साहिबान को हार्दिक अपील करता है:-

1. किसी भी मामले पर निर्णय लेने के समय पंथिक परंपराओं की अनदेखी न की जाए। राष्ट्रीय निर्णय श्री अकाल तख़्त साहिब से लेने की परंपरा है और जारी रहेगी। परंतु अन्य 4 तख़्त साहिबान से संबंधित स्थानीय मामलों में उनके सलाह-मशवरे के बिना हस्तक्षेप न किया जाए।

2. यदि कोई ऐसा मामला विचाराधीन आए तो दीर्घ विचार-विमर्श के बाद ही कोई निर्णय लिया जाए। इसमें संबंधित तख़्त साहिब के जथेेदार साहिब को निर्णय का अभिन्न हिस्सा बनाया जाए। साझा राय न बनने पर उस मामले पर जल्दबाज़ी में निर्णय न लिया जाए।

3. विशेष कारणों से तत्काल निर्णय लेने की स्थिति को छोड़कर 5 सिंह साहिबान की बैठक कुछ दिन पहले घोषित की जाए। यदि किसी तख़्त साहिब के जथेेदार साहिब किसी कारण बैठक में शामिल न हो सकें तो श्री अकाल तख़्त साहिब के 19 नवंबर 2003 को लिए गए प्रस्ताव की रोशनी में सच्चखंड श्री हरिमंदर साहिब के सिंह साहिबान में से ही शामिल किए जाएं।

यह सिख पंथ की शानमंद परंपराएं, सिद्धांत, रीति-रिवाज, पंथिक जलवा और राष्ट्रीय संस्थाओं के सम्मान-सम्मान और महत्व को वास्तविक रूप में बनाए रखने के लिए अत्यंत आवश्यक है।

Disclaimer

All news on Encounter India are computer generated and provided by third party sources, so read and verify carefully. Encounter India will not be responsible for any issues.

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest News

- Advertisement -
- Advertisement -

You cannot copy content of this page