लुधियानाः कांग्रेस नेता व पूर्व विधायक सिमरजीत बैंस की मुश्किलें बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। दरअसल, बरगाड़ी बेअदबी की घटना से जुड़े विरोध प्रदर्शन के सिलसिले में पूर्व विधायक सिमरजीत सिंह बैंस और दूसरों के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने को लेकर सुनवाई हुई। जहां हाईकोर्ट ने एफआईआर रद्द करने से इनकार कर दिया। ऐसे में सिमरजीत सिंह बैंस को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है।
जस्टिस त्रिभुवन दहिया ने कहा कि मजिस्ट्रेट द्वारा अपराधों का संज्ञान लेते समय कानून की सही प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए और वह स्टेज अभी नहीं आया है। इसलिए, इस सेक्शन के नियमों का कथित उल्लंघन इस स्टेज पर संबंधित FIR को रद्द करने की मांग का आधार नहीं है। इस मामले को लेकर कोर्ट ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 195 के तहत रोक सिर्फ मजिस्ट्रेट द्वारा संज्ञान लेने के स्टेज पर लागू होती है, FIR या जांच के स्टेज पर नहीं।
आईपीसी कोर्ट को खास अपराधों, खासकर पब्लिक जस्टिस के खिलाफ अपराधों (जैसे झूठी गवाही, कोर्ट में जालसाजी) या कानूनी अथारिटी के अधिकार का संज्ञान लेने से रोकता है, जब तक कि संबंधित पब्लिक सर्वेंट या कोर्ट द्वारा शिकायत दर्ज न की गई हो ताकि फालतू प्राइवेट केस को रोका जा सके और न्यायिक ईमानदारी बनी रहे।