अमृतसरः शहर को पवित्र शहर का दर्जा मिलने के बाद शहर के 12 गेटों के अंदर मीट, शराब, सिगरेट-बीड़ी और पान की दुकानों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के फैसले को लेकर नॉन वेज दुकानदारों में भारी रोष पैदा हो रहा है। इस संबंध में अमृतसर के गोलाबाग में मीट दुकानदारों और अन्य व्यापारियों ने एक मीटिंग की, जिसमें बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए।
मीडिया से बात करते हुए मीट दुकानदार गोगी ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा बनाया गया कानून उन्हें मंजूर है और वे कानून का विरोध नहीं करते, लेकिन इस कानून के कारण हजारों छोटे दुकानदारों की रोज़ी-रोटी खतरे में पड़ गई है। उन्होंने कहा कि अधिकांश दुकानदार गरीब परिवारों से संबंधित हैं और उनके घरों का गुजर-बसर इन्हीं दुकानों से चलता है। सरकार को चाहिए कि प्रतिबंध के दायरे को 100 गज की बजाय 200 या 250 गज तक सीमित किया जाए, ताकि लोगों को कुछ राहत मिल सके।
दुकानदारों ने स्पष्ट किया कि वे रोड जाम या हिंसक प्रदर्शन के हक में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अगले दिनों में कमेटी बनाकर डिसी और मेयर के साथ मिलकर अपनी समस्या रखी जाएगी। इस मौके पर समाज सेवक वरुण सरीन ने कहा कि धार्मिक स्थानों के आस–पास प्रतिबंध लगाना ठीक है, लेकिन पूरे 12 गेटों के अंदर सारी दुकानों को बंद करवाना ठीक नहीं। उनके अनुसार, इससे हजारों परिवार बेरोजगार हो सकते हैं। सरकार को ऑर्डर में संशोधन कर धर्मिक भावनाओं के साथ-साथ लोगों की आर्थिक हालत को भी ध्यान में रखना चाहिए।
