अमृतसरः शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने अमृतसर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि कमेटी पहले दिन से ही बाढ़ पीड़ितों की सेवा में लगी हुई है। जहां भी संगत पहुंच रही है, वहां राहत सामग्री, लंगर और जल सेवा जारी है। ये सेवाएं बिना किसी भेदभाव के हिंदू, सिख, मुस्लिम और ईसाई सभी को प्रदान की जा रही है। यह राजनीति करने का नहीं, बल्कि एकजुट होकर प्रभावित लोगों की मदद करने का समय है। एसजीपीसी ने राहत कार्यों के लिए 20 करोड़ रुपये आरक्षित रखे हैं और अगर संगत और योगदान देती है, तो यह सहायता और बढ़ जाएगी।
धामी ने राजस्थान और उत्तर प्रदेश की संगत से मिले लाखों रुपये के योगदान का जिक्र करते हुए कहा कि लोगों का विश्वास ही एसजीपीसी की असली ताकत है। प्रस्ताव संख्या 53 और अन्य खर्चों का सारा ब्यौरा सदस्यों को मोबाइल के माध्यम से तुरंत दिखा दिया गया था। ननकाना साहिब गुरुद्वारा से जुड़े तेल के मुद्दे पर धामी ने यह भी स्पष्ट किया कि 2000 लीटर डीजल खरीद का पूरा रिकॉर्ड है, जिसमें प्रबंधक, प्रभारी और सदस्यों की मौजूदगी में रसीद जारी की गई थी। इसमें न तो किसी राजनीतिक दल की भूमिका है और न ही कोई अनियमितता है। एक फोटो वायरल कर गलत तरीके से विवाद पैदा किया जा रहा है।
अध्यक्ष ने कहा कि कुछ लोग जानबूझकर गलत बयानबाजी करते हैं ताकि एसजीपीसी की प्रतिष्ठा पर सवाल उठे। उन्होंने अपने सदस्यों से भी अपील की कि वे बाहर जाकर आंतरिक मामलों को विकृत न करें। यह सिखों की सबसे बड़ी धार्मिक संस्था है, इसकी गरिमा को गिराना ठीक नहीं है। धामी ने इस बात पर जोर दिया कि समिति गुरु साहिब की कृपा से सेवा कर रही है। लोग तन, मन और धन से मदद कर रहे हैं – कोई अरदास और प्रार्थना करके, कोई राशन-पानी देकर, तो कोई पैसे के माध्यम से योगदान देकर। राजनीति में ईर्ष्या नहीं होनी चाहिए, सीख यही है कि अच्छे काम का अनुकरण करें, उसमें बाधा न डालें।
एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि समिति पूरी पारदर्शिता के साथ राहत कार्य कर रही है। आंतरिक मतभेदों के बावजूद सभी सदस्यों को एक ही राह पर चलते हुए संगत की सेवा करनी चाहिए। यह कठिन समय है, इसमें कोई विवाद नहीं है, सेवा ही सबसे बड़ा कार्य है।