अमृतसरः योग गुरु बाबा रामदेव आज सचखंड श्री दरबार साहिब में नतमस्तक हुए। जहां उन्होंने श्री गुरु साहिबानों से आशीर्वाद प्राप्त किया। इस मौके पर उन्होंने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को राहत कोष हेतु एक करोड़ रुपये का चेक भेंट किया। बाबा रामदेव ने कहा कि गुरु नानक साहिब का उपदेश “नाम जपो, कीरत करो ते वंड छको” आज भी मानवता के लिए मार्गदर्शक है। उन्होंने कहा कि सेवा ही असली धर्म है और जब किसी समुदाय या क्षेत्र पर मुसीबत आती है तो मनुष्यत्व के नाते सभी को आगे आकर योगदान देना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह रकम कोई बड़ी दान नहीं बल्कि गुरु की सेवा के प्रति एक छोटा सा अर्पण है।
रामदेव ने पंजाबी समुदाय को बहादुर और साहसी करार देते हुए कहा कि भले ही हाल ही की बाढ़ के कारण लोगों को जान-माल का नुकसान हुआ है, लेकिन पंजाब शीघ्र ही इस संकट से बाहर निकलेगा और फिर अपने पैरों पर खड़ा होगा। उन्होंने एसजीपीसी द्वारा बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए किए जा रहे राहत कार्यों की खुले दिल से प्रशंसा की। इस मौके पर एसजीपीसी अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि बाढ़ के दौरान पंजाब के कई इलाके बुरी तरह प्रभावित हुए, लोगों की फसलें और पशुपालन नष्ट हुए और कईयों ने अपना घर-परिवार खोया। उन्होंने बताया कि शुरू से ही शिरोमणि कमेटी की ओर से राहत कार्य शुरू कर दिए गए थे और लोगों द्वारा भी धन के रूप में सहयोग मिल रहा है।
धामी ने बाबा रामदेव द्वारा दिए गए योगदान की सराहना करते हुए कहा कि यह सिर्फ सिख समुदाय के लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ी प्रेरणा है। उन्होंने बताया कि रामदेव ने यह भरोसा भी दिलाया है कि यदि आगे और आवश्यकता पड़ी तो वह फिर भी मदद के लिए उपस्थित होंगे। इस मौके पर धामी ने बाबा रामदेव को श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की 350वीं शहादत स्मारक सभाओं में भाग लेने के लिए भी आमंत्रित किया, जो आगामी 23 से 25 नवंबर तक श्री आनंदपुर साहिब में करवाई जाएगी।
रामदेव ने यह निमंत्रण स्वीकार करते हुए कहा कि वह जरूर इन समारोहों में पहुंचेंगे। अन्त में, बाबा रामदेव ने कहा कि सिख गुरुओं के बलिदानों के बिना न तो हिन्दू धर्म बच सकता था और न ही देश की आज़ादी सम्भव थी। उन्होंने कहा कि गुरुओं के उपदेश सिर्फ सिख समुदाय के लिए ही नहीं बल्कि पूरी मानवता के लिए हैं और आज के समय में सभी को इन्हीं से सीख लेकर आपसी भाईचारे के साथ मिलकर सेवा करनी चाहिए।