पटियाला: सरकारी राजिन्द्रा अस्पताल बत्ती गुल के चलते चर्चा में रहा है। वहीं अब सरकारी राजिन्द्रा अस्पताल पानी-पानी हो गया और अपने इलाज के लिए आए मरीजों को पानी में से गुजरकर डॉक्टरों तक पहुंचना पड़ा। इस दौरान बुजुर्ग मरीजों को पकड़कर ले जाना पड़ा, ताकि वह कहीं गिर ही न जाएं।
जानकारी के अनुसार उत्तरी भारत के प्रसिद्ध सरकारी राजिन्द्रा अस्पताल में पंजाब, हरियाणा सहित दूर-दराज से लोग अपने इलाज के लिए आते हैं, लेकिन यह अस्पताल लोगों के इलाज की जगह मुसीबत ज्यादा बन रहा है। बीते दिनों ही बच्चा वार्ड में काफी समय तक बत्ती गुल रही और छोटे बच्चों को हाथ वाले पंखों सहित अखबारोंं से हवा देनी पड़ी। आज दो दिन बाद ही राजिन्द्रा अस्पताल की ओपीडी वाले रास्ते, लैब आदि में पानी ही पानी जमा हो गया। पानी देखकर ऐसा लग रहा था जैसे राजिन्द्रा अस्पातल में किसी ने मोटर ही चला दी हो, यह पानी किसी पाईप की लीकेज के चलते आया या फिर कोई टूटी खराब होने से भरा।
जिस तरह यह पानी काफी क्षेत्र में फैला हुआ था, उसे देखकर ऐसा लग रहा था जैसे इस तरफ किसी ने ध्यान हीं नहीं दिया। जब ध्यान दिया गया तो उस समय पानी अस्पताल में भर चुका था। वहीं मरीजों को इस पानी में गुजरकर अपने-अपने चैकअप करवाने वाले डॉक्टरों तक पहुंचना पड़ा। बड़ी संख्या में लोग पानी में ही कमरों के आगे लाईनों में खड़े रहे। बुजुर्ग मरीजों को पकड़कर डॉक्टरों तक ले जाया गया ताकि वह फिसलें नहीं। लोगों ने कहा कि काफी समय से पानी यहां फैल रहा है और यह कहां से आ रहा है किसी का ध्यान नहीं है। काफी समय बाद जब अस्पताल में काफी पानी भर गया तो कहीं जाकर लीकेज को सही किया गया।
इस मामले संबंधी स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने अलग बयान देकर इसे छोटी बात बता दिया। उन्होंने कहा कि कोई टूटी खराब होने से पानी भरा था, ऐसी घटना तो अपने घरों में भी आम हो जाती है। इसलिए पलम्बर ने उसे ठीक कर दिया है। उन्होंने कहा कि अब हर बात को ज्यादा तूल न दें। सवाल यह पैदा होता है कि एक टूटी से इतना पानी किस तरह जमा हो सकता है। वहीं अगर टूटी खराब थी तो फिर इतना ज्यादा पानी जमा होने के बाद ही ठीक किया गया।